सीबीआई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के बाद रविवार को नीट यूजी और नीट पीजी परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर पहली एफआईआर दर्ज की। वह इस मामले में अन्य राज्यों में दर्ज एफआईआर और रिपोर्ट को अपने हाथ में लेगी और जांच के दायरे में शामिल करेगी।
अभी तक क्या क्या हुआ
- केंद्र सरकार ने पेपर लीक कानून बनाकर उसे शुक्रवार से लागू कर दिया है।
- सरकार ने सीएसआईआर-यूजीसी नेट, यूजीसी नेट और अब नीट पीजी परीक्षा स्थगित कर दी है।
- केंद्र सरकार ने शनिवार को इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में एक पैनल बनाया है जो एनटीए के कामकाज की समीक्षा करेगा। इस पैनल को दो महीने का समय दिया गया है।
- केंद्र सरकार ने शनिवार देर रात लिए गए फैसले में एनटीए के डीजी को हटाकर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को नियुक्त कर दिया है।
- केंद्र ने नीट यूजी परीक्षा में हुई सारी गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
- सीबीआई ने रविवार को पहली एफआईआर दर्ज की।
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी शिक्षा माफिया से घिरे हुए हैं। वो पूरी तरह असहाय हो गए हैं। पीएम मोदी ने अभी तक इस सारे मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं कहा है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई को ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में नीट यूजी परीक्षा आयोजित की थी। देशभर में 24 लाख युवकों ने यह परीक्षा दी थी। इसका नतीजा जल्दबाजी करते हुए 4 जून को चुपचाप घोषित कर दिया गया। उसी दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जा रहे थे। लेकिन अगले दिन ही देशभर में छात्रों ने बताया कि इसका पेपर लीक हुआ था।
यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब 67 छात्रों को परीक्षा में 720 का परफेक्ट स्कोर मिला। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने गलत सवाल हल करने वालों को ग्रेस मार्क्स भी दिए थे। हालाँकि, बिहार पुलिस की जांच से पता चला कि परीक्षा का पेपर कुछ चुनिंदा उम्मीदवारों को लीक कर दिया गया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एनटीए लगातार कहते रहे कि पेपर लीक नहीं हुआ है। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। अदालत ने एनटीए को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को चीफ जस्टिस की बेंच में इसकी सुनवाई होगी।
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