ख़ुद को राष्ट्रवादी बताने वाली और दूसरी पार्टियों पर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाने वाली बीजेपी की सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाह है, यह इस बार के रक्षा बजट से साफ़ हो जाता है। अंतरिम बजट में रक्षा मद में जो पैसे अलॉट किए गए हैं, उससे सेना का न तो आधुनिकीकरण होगा न क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इससे देश की सुरक्षा तैयारी को गंभीर झटका लग सकता है। रक्षा उपकरणों की नई खरीद तो दूर है, पहले से दिए ऑर्डर के लिए भी सरकार के पास पैसे नहीं हैं।
पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए दावा किया था कि आज़ादी के बाद रक्षा मद में सबसे ज़्यादा 3 लाख करोड़ रुपये अलॉट इसी साल किए गए हैं। लेकिन सच यह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल रक्षा बजट में सिर्फ़ 5,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। रक्षा बजट में यह अब तक का न्यूनतम इजाफ़ा है। कुल रक्षा बजट सकल घरेलू अनुपात का सिर्फ़ 1.58 प्रतिशत है।