असम में अवैध आप्रवासियों की पहचान करने और उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए जिस नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) की शुरुआत की गई थी, वह अपने लक्ष्य में कामयाब होता नहीं दिखता। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई संगठन अगर यह बयान दे कि जिस समुदाय की वह नुमाइंदगी करता है, उस समुदाय के लोग अगर एनआरसी से बाहर रहेंगे तो वह उन्हें देश से बाहर नहीं होने देगा तो सवाल यह खड़ा होता है कि फिर इसकी ज़रूरत ही क्या थी।
एनआरसी: सिर्फ़ हिंदुओं के लिए ही क्यों बयान दे रहे हैं बीजेपी, संघ?
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- 24 Sep, 2019
संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जिन हिंदुओं के नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) में आने से छूट गए हैं उन्हें देश से बाहर नहीं होने दिया जाएगा।
