शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक की। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को सुझाव दिया है कि 'अब युद्ध का समय नहीं है'। उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब रूस यूक्रेन में आठ महीने से युद्ध में फँसा हुआ है।
एससीओ जून 2001 में शंघाई में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है। वर्तमान में इसके आठ सदस्य- चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। इसकी स्थापना पश्चिमी देशों के संस्थानों के प्रतिद्वंद्वी के लिए एक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन के रूप में की गई थी।
जून 2019 में किर्गिस्तान के बिश्केक में हुए एससीओ के सम्मेलन के बाद यह पहला ऐसा शिखर सम्मेलन हुआ जब इसके नेताओं ने आमने-सामने बात की। इसी सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मुलाक़ात की है।
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से कहा, 'मुझे पता है कि आज का समय युद्ध का समय नहीं है और मैंने आपसे पहले ही फोन पर इसके बारे में बात की थी।' दोनों नेताओं ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से अपनी पहली आमने-सामने बैठक की है।
Провел замечательную встречу с Президентом Путиным. У нас была возможность обсудить дальнейшее сотрудничество России и Индии в торговле, энергетике, обороне и других сферах. Также мы обсудили отношения между нашими странами и глобальные вопросы. pic.twitter.com/iz63vADW4a
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2022
पीएम मोदी का पुतिन का यह सुझाव पुतिन द्वारा यह स्वीकार किए जाने के ठीक एक दिन बाद आई है कि चीन ने यूक्रेन में संघर्ष पर चिंता जताई है।
बता दें कि भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है। यह बातचीत के जरिए संकट के समाधान पर जोर दे रहा है। नई दिल्ली और मॉस्को के संबंध शीत युद्ध से पुराने हैं, और रूस अब तक भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
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