शेयर बाजार में चल रही मौजूदा दौर की गिरावट में बाजार के कुछ बड़े और कुशल खिलाड़ियों को कितने का नुक़सान हुआ है, यह हिसाब अब आने लगा है। कई का नुक़सान लगभग एक तिहाई तक का है पर कुल मिलाकर बाजार इतना नहीं गिरा है। लेकिन ऐसे शीर्ष वाले लोगों का नुक़सान अगर कुछ सौ करोड़ का है तो हमारे शेयर बाजारों के सारे निवेशकों का नुक़सान क़रीब दश लाख करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है और उसकी चर्चा कम है। यह पैसा आम लोगों का तो है ही, उनके बैंक जमा, प्राविडन्ट फंड, साझा कोशों और बीमा कंपनियों को चुकाए उनके प्रीमियम की रक़म का है। और आम तौर पर यह धन शेयर बाजार के विशेषज्ञों के साथ ही सरकार के इशारों पर बाजार में लगता है, उसे चढ़ाता और गिराता है।