दिल्ली चुनाव के नतीजों पर टीवी कवरेज के दौरान ही जब बीजेपी की जीत पक्की लगने लगी थी तो साथ बैठे एक पत्रकार ने, जिनका रुझान साफ़ बीजेपी की तरफ़ रहता है, कहा कि अब दिल्ली का तो फ़ैसला हो गया, अब अगली लड़ाई बंगाल की है। तब लगा कि शायद वे इसके बाद होने वाले बिहार चुनाव को भूल रहे हैं, सो टोक दिया। लेकिन अगले दिन जब करियर और कमाई के लिए सारे धरम और विचार बेच चुके अपने पुराने सहयोगी दिलीप मंडल जी का सोशल मीडिया संदेश देखा तो लगा कि मैं ही चूक कर रहा था। संघ परिवार और बीजेपी की नज़र दिल्ली के बाद बंगाल पर ही है और जिस तरह आप और अरविन्द केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए ‘सिरदर्द’ बने हुए थे उसी तरह ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस भी एक चुनौती बनी हुई है- संभवत: केजरीवाल से भी बड़ी।
आरएसएस, बीजेपी के लिए बिहार से ज़्यादा अहम बंगाल चुनाव क्यों?
- विश्लेषण
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- अरविंद मोहन
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- 12 Feb, 2025


अरविंद मोहन
बिहार चुनाव से पहले बीजेपी और आरएसएस पश्चिम बंगाल पर फोकस कर रहे हैं? क्या यह रणनीति चुनावी समीकरण बदल सकती है? जानिए इसके पीछे की राजनीति।
ममता का राज तो 2011 से चल रहा है लेकिन बीजेपी ने जितनी तैयारी से 2021 और 2016 का चुनाव लड़ा उससे बंगाल जीतने की उसकी गहरी इच्छा का पता चलता है। पर अब यह हो रहा है कि तृणमूल के वोट कम हों न हों भाजपा का वोट प्रतिशत और जीत कम होती जा रही है। ऐसा लोक सभा चुनाव में भी हुआ है और विधान सभा चुनाओं में भी।
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अरविंद मोहन
अरविंद मोहन वरिष्ठ पत्रकार हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।