दिल्ली चुनाव के नतीजों पर टीवी कवरेज के दौरान ही जब बीजेपी की जीत पक्की लगने लगी थी तो साथ बैठे एक पत्रकार ने, जिनका रुझान साफ़ बीजेपी की तरफ़ रहता है, कहा कि अब दिल्ली का तो फ़ैसला हो गया, अब अगली लड़ाई बंगाल की है। तब लगा कि शायद वे इसके बाद होने वाले बिहार चुनाव को भूल रहे हैं, सो टोक दिया। लेकिन अगले दिन जब करियर और कमाई के लिए सारे धरम और विचार बेच चुके अपने पुराने सहयोगी दिलीप मंडल जी का सोशल मीडिया संदेश देखा तो लगा कि मैं ही चूक कर रहा था। संघ परिवार और बीजेपी की नज़र दिल्ली के बाद बंगाल पर ही है और जिस तरह आप और अरविन्द केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए ‘सिरदर्द’ बने हुए थे उसी तरह ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस भी एक चुनौती बनी हुई है- संभवत: केजरीवाल से भी बड़ी।