प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हाऊडी मोडी कार्यक्रम में अनुच्छेद 370 में बदलाव करने और जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा ख़त्म करने की चर्चा की। उन्होंने चिर परिचित अंदाज में कहा कि हमने जिस तरह वेलफ़ेयर पर ध्यान दिया है, उसी तरह हमने कुछ चीजों को फेयरवेल भी कह दिया है। हमने अनुच्छेद 370 को अलविदा कह दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 ख़त्म कर देने से अब कश्मीर के लोगों को वे सभी सुविधाएँ मिलेंगी जो शेष भारत के लोगों को मिलती हैं। उन्हें केंद्र सरकार की तमाम स्कीमों का फ़ायदा मिलेगा। इससे जम्मू-कश्मीर की औरतों को भी काफी सुविधा होगी। उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा, जो अब तक होता रहा है।
मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी को संसद के ऊपरी सदन में बहुमत हासिल नहीं है। इसके बावजूद सदन ने कश्मीर से जुड़े इस प्रस्ताव को दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया। इसी तरह यह
प्रस्ताव लोकसभा में पारित हो गया।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस अनुच्छेद की वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विकास नहीं हो पा रहा था, अब उन्हें विकास करने का मौका मिलेगा और इन इलाक़ों में जल्द ही
विकास शुरू हो जाएगा।
मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बग़ैर उसकी आलोचना की। उन्होंने कहा, कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें अनुच्छेद 370 में बदलाव सहन नहीं हो रहा है, लेकिन ये वे लोग हैं जिनसे अपना देश ही नहीं संभल रहा है। ये लोग भारत के ख़िलाफ़ प्रचार करने में लगे हुए हैं। इन लोगों ने भारत के ख़िलाफ़ नफ़रत को ही अपनी राजनीति की धुरी बना ली है।
नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया, पर उस पर
आतंकवाद को शरण और समर्थन देने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग आतंकवाद का समर्थन करते हैं, आतंकवादियों शरण देते हैं, उनकी मदद करते हैं। ये लोग कौन हैं, सबको पता है। मोदी ने कहा:
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ये वे लोग हैं जो आतंक को पालते-पोषते हैं, उनके बारे में पूरी दुनिया जानती है। मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के पीछे जो लोग थे, वे लोग ही अमेरिका में 9/11 हमले के पीछे भी थे। सबको पता है वे कौन हैं, उनका नाम लेने की ज़रूरत नहीं है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
मोदी ने इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर ट्रंप चट्टान की तरह भारत के साथ खड़े थे और भारत का समर्थन किया था। उन्होंने एनआरजी स्टेडियम में मौजूद 50 हज़ार लोगों से कहा कि वे इसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप को स्टैंडिंग ओवेशन दें, यानी खड़े होकर उनके लिए तालियाँ बजाएँ। बड़ी तादाद में लोग खड़े हो गए और देर तक ट्रंप के लिए तालियाँ बजती रहीं। इस पर ट्रंप मुस्कराने लगे।
भारतीय प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ट्रंप आतंकवाद के ख़िलाफ़ हैं और उन्होंने इस मामले में भारत की मदद की है। मोदी ने इस पर विस्तार से नहीं बताया।
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अनुच्छेद 370 में बदलाव कर कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के बाद कई बार भारत पर दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि ख़ुद नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा है कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करें और वह ऐसा करने को तैयार हैं। भारत ने तुरन्त इसका खंडन किया तो अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सफ़ाई देते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच का मामला है। लेकिन बात यही नहीं रुकी। उसके कुछ दिनों के बाद एक बार फिर ट्रंप ने कहा कि कश्मीर दोतरफा मामला है और भारत-पाकिस्तान बातचीत कर सुलझा लें, लेकिन यदि वे चाहेंगे तो इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं। इस हफ़्ते भी एक बार अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताई थी। ऐसे में मोदी का यह कहना कि ट्रंप उनके साथ मजबूती से खड़े थे, समझना मुश्किल है।
मोदी ने दिन में ह्यूस्टन में रहने वाले कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उन्हें अनुच्छेद 370 ख़त्म करने के बारे में विस्तार से बताया। प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर के मिले विशेष दर्जे को ख़त्म करने का समर्थन किया।
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