भारत में हाल ही में 'इसलामोफ़ोबिया' को लेकर मुसलमानों के साथ भेदभाव की ख़बरें सामने आने के बाद भारत ने खाड़ी के देशों से संबंध सुधारने की क़वायद तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस मामले में मोर्चा संभाला है।
कोरोना संक्रमण के इस काल में दिल्ली के मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्यक्रम के बाद भारत में सोशल मीडिया पर इसलाम विरोधी पोस्ट्स की बाढ़ आ गई थी। इसके बाद ‘इसलामोफ़ोबिया’ को लेकर देश में कई जगहों पर मुसलमानों के साथ भेदभाव किए जाने की ख़बरें सामने आईं।
खाड़ी के देशों से रिश्ते सुधारने में जुटे मोदी, जयशंकर
- देश
- |
- |
- 25 Apr, 2020
भारत में हाल ही में इसलामोफ़ोबिया को लेकर मुसलमानों के साथ भेदभाव की ख़बरें सामने आने के बाद भारत ने खाड़ी के देशों से संबंध सुधारने की क़वायद तेज कर दी है।

कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए, जिनमें यह देखा गया कि कई जगहों पर फल-सब्जी बेच रहे मुसलमानों से उनका धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया गया। इसलामिक देशों के समूह ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इसलामिक को-ऑपरेशन (आईओसी) ने बयान जारी कर कहा कि भारत में 'इसलामोफ़ोबिया' के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आना पड़ा और उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस किसी को शिकार बनाने से पहले उसका धर्म, जाति, रंग आदि नहीं देखता है और हमें इस वायरस से मिलकर लड़ना है।