इस चुनाव में विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक संकट, मोदी सरकार के भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाया। भाजपा सरकार और मोदी के पास इन सवालों का जवाब नहीं है। इसीलिए स्वर में बदलाव आया। मुसलमानों की 20 फीसदी मुसलमानों की आबादी के मुकाबले हिन्दुओं की 80 फीसदी आबादी है और इस बड़ी आबादी का वोट पाने के लिए मोदी को नैरेटिव गढ़ने पड़ रहे हैं। लेकिन मतदाताओं का ध्यान इस बार अंगद का पैर बन गया है। मतदाता अपने बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने को तैयार नहीं हैं। मोदी ने 7 अप्रैल को जो भाषण मुसलमानों के मद्देनजर दिया, वो बहुत सतही माना गया और विपक्ष ने या किसी मुस्लिम संगठन ने उसकी चर्चा तक नहीं की। मोदी और भाजपा को यही व्यथित कर रहा है।
अभी तक का सबसे विवादास्पद बयान
पीएम मोदी ने 7 मई को मध्य प्रदेश के धार में अब तक दो सबसे बड़े विवादास्पद बयान दिए। मोदी ने धार की रैली में कहा- "कांग्रेस पार्टी का इरादा अल्पसंख्यकों को खेल में महत्व देना है। इसका मतलब है कि धर्म के आधार पर कांग्रेस तय करेगी कि क्रिकेट टीम में कौन रहेगा और कौन नहीं। यही सब करना था तो 1947 में ही भारत का नामो निशान मिटा देना था...।"""क्रिकेट टीम में कौन रहेगा और कौन नहीं ये कांग्रेस अब धर्म के आधार पर तय करेगी.."
— Dr.Rakesh Pathak डॉ. राकेश पाठक راکیش (@DrRakeshPathak7) May 7, 2024
"यही सब करना था तो 1947 में ही भारत का नामो निशान मिटा देना था..":@narendramodi
धार, मप्र में। pic.twitter.com/z53LPuIdOx
इंडी गठबंधन गलती से भी सत्ता में आया, तो राम मंदिर पर बाबरी नाम का ताला लगा देगा। pic.twitter.com/wPKmphDtMp
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) May 8, 2024
मोदी ने पहली बार मुसलमानों की आड़ लेकर कांग्रेस पर हमला नहीं किया है। 2014 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं, उसमें मोदी ने मुसलमानों पर तीखे हमले किए हैं। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में यह इतनी सामान्य बात हो गई है कि अब लोग उनकी बात पर तवज्जो तक नहीं दे रहे हैं। लेकिन यह सामान्य बात असाधारण स्थितियां पैदा कर रही हैं। इससे कम से कम भाजपा समर्थक लोगों में मुसलमानों के लिए नफरत बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ जनता की समझदारी भी बढ़ रही है।
'कांग्रेस 1 भैंस मुसलमान को दे देगी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई को गुजरात के बनासकांठा में कहा - "यदि आपके पास दो भैंस हैं, तो सत्ता में आने पर कांग्रेस एक छीन कर मुसलमानों को दे देगी। कांग्रेस देश के लोगों को लिखित रूप में दे कि वो धर्म-आधारित आरक्षण लागू नहीं करेगी।"
अब INDI गठबंधन ने मुसलमानों से वोट जिहाद करने को कहा है।
— BJP (@BJP4India) May 2, 2024
INDI गठबंधन का साफ कहना है कि सारे मुसलमानों को एकजुट होकर वोट देना चाहिए।
इन्होंने लोकतंत्र के उत्सव में वोट जिहाद की बात करके लोकतंत्र का और संविधान का अपमान किया है।
ये वोट जिहाद की बात भी कांग्रेस की तुष्टिकरण की… pic.twitter.com/dHwOKxv7t3
वोट जिहाद
गुजरात की ही रैलियों में मोदी ने 2 मई को यह भी कहा- इंडिया गठबंधन के नेता मुस्लिम मतदाताओं से "वोट जिहाद" करने की अपील कर रहे हैं। INDI (इंडिया) गठबंधन का साफ कहना है कि सभी मुसलमानों को एकजुट होकर वोट करना चाहिए। लोकतंत्र के उत्सव में वोट जिहाद की बात कर उन्होंने लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया है। वोट जिहाद की यह बात कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति को भी आगे बढ़ाती है।”'मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है कांग्रेस'
मोदी ने 3 मई 2024 को झारखंड की रैली में कहा- अब कांग्रेस की नजर एससी, एसटी, आदिवासी और ओबीसी के आरक्षण पर डाका डालने पर है। कांग्रेस को गुस्सा इसलिए है, क्योंकि आदिवासी, दलित, गरीब और ओबीसी बीजेपी का समर्थन करते हैं। कांग्रेस आपके आरक्षण पर डाका डालकर मुसलमानों को देना चाहते हैं। ये धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं।
मोदी ने 3 मई को पश्चिम बंगाल की रैली में कहा- हमारे देश में दशकों से वोट जिहाद का खेल पर्दे के पीछे से चुपचाप चलता था। वो (इंडिया अलायंस) इतने हताश और निराश हो चुके हैं, कि अब पहली बार, वोट जिहाद की सार्वजनिक घोषणा कर रहे हैं। इसीलिए, वोट जिहाद की इस अपील पर कांग्रेस का शाही परिवार, TMC और Left, सभी चुप हैं। यानी अलायंस के सारे चट्टे-बट्टे वोट जिहाद से सहमत हैं।
मुसलमानों पर भाजपा का नफरती वीडियो
30 अप्रैल को, भाजपा ने इंस्टाग्राम सहित तमाम सोशल मीडिया पर एक एनिमेटेड वीडियो प्रकाशित किया, जिसमें मोदी के राष्ट्र को बचाने के लिए आने से पहले, मध्ययुगीन भारत पर हमला करने और उसकी संपत्ति लूटने वाले हिंसक और लालची मुस्लिम पुरुष हमलावरों का रूढ़िवादी चित्रण दिखाया गया था। वीडियो में बताया गया अगर कांग्रेस चुनी गई तो वह हिंदू धन और संपत्ति को मुसलमानों के बीच बांट देगी। इस वीडियो के खिलाफ तमाम नागरिक संगठनों ने ऐतराज जताया। केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत की गई। अदालत में जाने की धमकी दी गई। भाजपा ने सोशल मीडिया से अगले दिन इस एनिमेटेड वीडियो को हटा लिया।
कांग्रेस घोषणापत्र को मुस्लिम लीगी कहाः 29 अप्रैल को मोदी ने कहा- 2024 के उनके मेनिफेस्टो में भी पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है। उन्होंने जो स्थितियां बनाई हैं, जिस प्रकार से संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिस प्रकार बाबा साहेब को अपमानित करते हैं। SC- ST के आरक्षण पर भी तलवार लटका देते हैं। ओबीसी का तो जीना मुश्किल कर देंगे। क्या देश की जनता को हमें प्रशिक्षित करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। उसी दिन मोदी ने टीवी18 को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा था- कांग्रेस का एक्स-रे से मतलब है - हर परिवार में जाना, घर-घर छापा मारना। अगर कोई महिला अनाज की बोरी में भी अपने गहने छिपा कर रखी है तो वो उसका भी एक्स-रे करेंगे। उनकी जमीनों का हिसाब-किताब करेंगे और फिर उसे री-डिस्ट्रीब्यूट (मुसलमानों) करेंगे। ये पूरी तरह अर्बन नक्सल सोच का प्रकटीकरण है। इसलिए उनकी पूरी जमात चुप है। (इंटरव्यू लेने वालों ने मोदी को पलट कर यह नहीं बताया कि ऐसा कांग्रेस के घोषणापत्र में कहां लिखा है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति छीनकर मुसलमानों को बांट दी। उन्होंने यह भी नहीं पूछा कि कांग्रेस ने 70 साल तक देश में राज किया, क्या उसने कभी दूसरों की संपत्ति छीनकर मुसलमानों में बांटी)
'कांग्रेस मंगलसूत्र और गोल्ड चुराकर मुसलमानों को बांट देगी'
पीएम मोदी का 22 अप्रैल का अलीगढ़ में दिया गया भाषण बांसवाड़ा (राजस्थान) में 21 अप्रैल को दिए भाषण से ज्यादा खतरनाक था। मोदी ने सोमवार 22 अप्रैल को अलीगढ़ में कहा था- "मैं देशवासियों को चेतावनी देना चाहता हूं। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की नजर आपकी कमाई और आपकी संपत्ति पर है। कांग्रेस के 'शहजादा' (राहुल गांधी) कहते हैं कि अगर उनकी सरकार आती है सत्ता में, वे जांच करेंगे कि कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी संपत्ति है... हमारी माताओं और बहनों के पास सोना (गोल्ड) है, इसे पवित्र माना जाता है, कानून भी इसकी रक्षा करता है महिलाओं का 'मंगलसूत्र', मां-बहनों का गोल्ड चुराना है इनका इरादा... अगर आपके गांव में किसी पुराने पूर्वज का घर है और आपने अपने बच्चों के भविष्य के लिए शहर में एक छोटा सा फ्लैट भी खरीदा है दोनों में से एक को छीन लेंगे...ये माओवादी सोच है, ये कम्युनिस्टों की सोच है ऐसा करके वो पहले ही कई देशों को बर्बाद कर चुके हैं अब यही नीति कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन भारत में लागू करना चाहते हैं।" हालांकि कांग्रेस के घोषणापत्र में ऐसा कुछ कहीं नहीं लिखा है।
मुसलमानों को घुसपैठिया कहाः पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा की रैली में कहा- अगर विपक्षी कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है, तो वह "आपकी सारी संपत्ति इकट्ठा करेगी और इसे उन लोगों को वितरित कर देगी जिनके पास अधिक बच्चे हैं" और "घुसपैठियों" को। बता दें कि मोदी की इन टिप्पणियों को व्यापक रूप से मुसलमानों के संदर्भ के रूप में देखा गया। विदेशी मीडिया ने भी इस टिप्पणी का संज्ञान लिया। विदेशी मीडिया ने बताया कि आरएसएस और भाजपा लंबे समय से इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि भारत में आबादी बढ़ाने के लिए मुसलमान जिम्मेदार हैं। ये लोग ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। इसी तरह ये लोग घुसपैठिये शब्द का इस्तेमाल भी मुसलमानों के संदर्भ में करते हैं। विदेशी मीडिया और भारत के विपक्षी दलों ने मोदी के राजस्थान के भाषण को हेट स्पीच श्रेणी में रखा है।
19 अप्रैल को मोदी अमरोहा में थे। वहां उन्होंने क्रिकेटर मोहम्मद शमी के नाम को भुनाना चाहा। अमरोहा के लोगों को मोदी ने बताया कि शमी को अर्जुन पुरस्कार उनकी ही सरकार ने दिया है। यूपी सरकार अमरोहा में उनके नाम से स्टेडियम बनवा रही है। लेकिन बोलते बोलते जैसे मोदी को कुछ याद आया हो। उन्होंने अपना लहजा बदलते हुए कहा क्या आप इस देशद्रोही (सांसद दानिश अली) को संसद में जाने देंगे। दरअसल, यहां बताना जरूरी है कि दानिश अली के खिलाफ भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल संसद के अंदर किया था। बाद में भाजपा को इसके लिए खेद जताना पड़ा। फिर भाजपा ने रमेश बिधूड़ी का टिकट काट दिया। दानिश अली को कांग्रेस ने अमरोहा से खड़ा किया है।
कांग्रेस, आज के भारत की आशाओं-आकांक्षाओं से पूरी तरह कट चुकी है।
— BJP (@BJP4India) April 6, 2024
कांग्रेस के घोषणा पत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो… pic.twitter.com/vjjGS3QC8D
कांग्रेस का घोषणापत्र 5 अप्रैल को आया था। मोदी ने 6 अप्रैल से ही कांग्रेस के घोषणापत्र को मुस्लिम लीग से जोड़कर इसे मुसलमानों के लिए बनाया गया घोषणपत्र करार दिया। मोदी ने कहा था- “मुस्लिम लीग के समान एक ऐतिहासिक विचारधारा को दर्शाते हुए, घोषणापत्र वामपंथी विचारधाराओं से काफी प्रभावित है। कुल मिलाकर, कांग्रेस समसामयिक मुद्दों को संबोधित करने में विफल रही है और 21वीं सदी में भारत का नेतृत्व करने के लिए अयोग्य है।”
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