जून का यह महीना देश के 100 साल के इतिहास में सबसे सूखे 5 महीनों में एक है। बारिश औसत से 35 प्रतिशत कम हुई है। इसका नतीजा यह है कि खरीफ़ फ़सल की बुवाई औसत से 25 प्रतिशत कम हुई है। देश के कई इलाक़ों में सूखे की स्थिति है, कई जगहों पर पीने के पानी की किल्लत है। कृषि ख़राब होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमर टूटेगी, गाँव के लोगों की क्रय शक्ति कम हो जाएगी। इसका असर पहले से मंदी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। यह अच्छी ख़बर नहीं है।
ऐतिहासिक सूखे की आशंका, क्या कर रही है मोदी सरकार?
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- 2 Jul, 2019
देश के सामने भयानक सूखे की आशंका है, बुवाई एक चौथाई कम हुई है, सूखे की स्थिति है, पीने के पानी की किल्लत है। पर सरकार को मानो इससे कोई मतलब नहीं है।
