दलित-ओबीसी, महिलाओं को जगह
मोदी मंत्रिमंडल में समाज के सभी वर्गों को जगह देने की कोशिश की गई है। नए मंत्रिमंडल में महिलाओं, ओबीसी, युवा चेहरों के साथ ही प्रोफ़ेशनल्स को भी जगह मिली है। मंत्रिमंडल में अब ओबीसी और दलित समुदाय की हिस्सेदारी बढ़ी है।
मंत्रिमंडल में ओबीसी समुदाय के 27 मंत्री हैं और इनमें से 5 कैबिनेट मंत्री हैं। इसके अलावा दलित समुदाय से 12 मंत्री हैं जबकि आदिवासी समुदाय से 8 लोगों को मंत्री बनाया गया है। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी भागीदारी मिली है और तीन लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
जबकि 29 मंत्री ऐसे हैं जो ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया, भूमिहार, कायस्थ, लिंगायत, खत्री, कडुवा व लेउआ पटेल आदि समुदायों से संबंध रखते हैं। मंत्रिमंडल में 9 राज्यों से कुल 11 महिलाओं को जगह दी गई है और इनमें से दो को कैबिनेट मंत्री का दर्ज़ा दिया गया है।
युवा हुई कैबिनेट
इसके अलावा छह युवा नेताओं को भी जगह मिली है। पिछली कैबिनेट की औसत उम्र 61 थी जो अब 58 रह गई है। 14 मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम है। मंत्रिमंडल में 13 वकील, पांच इंजीनियर, छह डॉक्टर शामिल हैं। नए मंत्री बने लोगों में से सात पीएचडी और 3 एमबीए डिग्रीधारक हैं।
उत्तर प्रदेश को खास तरजीह
कैबिनेट विस्तार में चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश को काफ़ी अहमियत मिली है और राज्य से 7 नए मंत्री बनाए गए हैं। इनमें कौशल किशोर, एसपी बघेल, पंकज चौधरी, बीएल वर्मा, अजय कुमार, भानु प्रताप वर्मा और अनुप्रिया पटेल शामिल हैं। राज्य में 7 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी की पूरी कोशिश सत्ता में वापसी करने की है।इन्होंने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
- नारायण राणे
- सर्बानंद सोनोवाल
- डॉ. वीरेंद्र कुमार
- ज्योतिरादित्य सिंधिया
- आरसीपी सिंह
- अश्विनी वैष्णव
- पशुपति पारस
- किरण रिजिजू
- आरके सिंह
- हरदीप पुरी
- मनसुख मंडाविया
- भूपेंद्र यादव
- पुरूषोत्तम रूपाला
- जी. किशन रेड्डी
- अनुराग ठाकुर
इन्होंने ली राज्य मंत्री पद की शपथ
- पंकज चौधरी
- अनुप्रिया पटेल
- एसपी सिंह बघेल
- राजीव चंद्रशेखर
- शोभा करंदलाजे
- भानुप्रताप सिंह वर्मा
- दर्शना जरदोश
- मीनाक्षी लेखी
- अन्नपूर्णा देवी
- ए. नारायण स्वामी
- कौशल किशोर
- अजय भट्ट
- बीएल वर्मा
- अजय कुमार
- देवु सिंह चौहान
- भगवंत खुबा
- कपिल मोरेश्वर पाटिल
- प्रतिमा भौमिक
- डॉ. सुभाष सरकार
- भागवत किशन राव कराड
- डॉ. राजकुमार रंजन सिंह
- डॉ. भारती प्रवीन पवार
- बिश्वेश्वर टूडु
- शांतनु ठाकुर
- डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई
- जॉन बारला
- डॉ. एल. मुरूगन
- निसिथ प्रमाणिक
इस विस्तार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले डेढ़ महीने में काफ़ी कसरत की है। मोदी ने बीते दिनों कई केंद्रीय मंत्रियों से अलग-अलग मुलाक़ात की थी और उनके विभागों के काम की समीक्षा भी की थी। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी नए मंत्रियों को लेकर काफी विचार-विमर्श किया था।
कई मंत्रियों का इस्तीफ़ा
कैबिनेट के विस्तार से पहले कई मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया था। रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्धन, संतोष गंगवार, सदानंद गौड़ा, बाबुल सुप्रियो जैसे चिर-परिचित चेहरों की भी कैबिनेट से विदाई हो गई है।
इसके अलावा देबाश्री चौधरी, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया, राव साहब दानवे पाटिल और प्रताप चंद्र सारंगी की भी कैबिनेट से विदाई हुई है जबकि थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
इधर, विस्तार से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों, बीजेपी सांसदों और सहयोगी दलों के सांसदों के साथ बैठक की थी और इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
‘मिनिस्ट्री ऑफ़ को-ऑपरेशन’ का गठन
कैबिनेट विस्तार से ठीक एक दिन पहले मोदी सरकार ने एक नये मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय का नाम ‘मिनिस्ट्री ऑफ़ को-ऑपरेशन’ रखा गया है। मंत्रालय का गठन ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए किया गया है। माना जा रहा है कि यह मंत्रालय देश में सहकारिता के आंदोलन को मज़बूत करने के लिए प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराएगा।
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