loader

अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया शुरू, केंद्र शासित प्रदेश होंगे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख़

राज्यसभा में भारी शोर-शराबे के बीच सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया की शुरुआत की है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 का सिर्फ़ खंड एक लागू होगा और राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी है। गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को अब केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। संसद में विपक्षी दलों ने इसका जोरदार विरोध किया।  
राज्यसभा में प्रस्ताव पेश करने से पहले ही श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई थी। गृह मंत्री ने संसद में कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े 4 विधेयक उनके पास हैं और वह इस मुद्दे पर सभी सवालों का जवाब देने और हर मुद्दे पर बहस करने के लिए तैयार हैं। उनका ज़ोर इस बात पर था कि अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रावधान ही है और इसे हटाया जाना स्वाभाविक है। 
modi amit shah revoke article 35a - Satya Hindi
बता दें कि कश्मीर में केंद्र सरकार ने 35,000 से ज़्यादा जवानों की तैनाती की है। इस बात को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे थे कि केंद्र सरकार ने कश्मीर में इतनी बड़ी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती क्यों की है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार, रॉ के सामंत गोयल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा और मंत्रालय के अन्य अहम अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।

क्या है अनुच्छेद 35ए?

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने एक आदेश से 35ए को 14 मई, 1954 को संविधान में शामिल किया था। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार और सुविधाएँ प्रदान करता है और इसके अंतर्गत राज्य के बाहर के व्यक्ति पर यहाँ कोई भी अचल संपत्ति ख़रीदने पर प्रतिबंध लगाता है। यह अनुच्छेद राज्य की विधानसभा को जम्मू-कश्मीर के ‘स्थाई निवासी’ को परिभाषित करने और उन्हें विशेष सुविधाएँ उपलब्ध कराने का अधिकार देता है।अनुच्छेद 370 की संवैधानिकता को पहले भी चुनौती दी गयी थी। उच्चतम न्यायालय की पाँच सदस्यीय संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 के तहत संविधान में सुधार करने के राष्ट्रपति के अधिकारों पर विचार किया। संविधान पीठ ने 1961 में अपने फ़ैसले में कहा था कि राष्ट्रपति अनुच्छेद 370 के तहत वर्तमान प्रावधान में सुधार कर सकते हैं, लेकिन फ़ैसले में इस सवाल पर ख़ामोशी थी कि क्या संसद की जानकारी के बग़ैर राष्ट्रपति संविधान में एक नया अनुच्छेद जोड़ सकते हैं।
इसे लेकर पाकिस्तान में भी हड़कंप मचा हुआ है। पाकिस्तान की सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार सुबह ट्वीट किया था कि कश्मीर में नेताओं को नज़रबंद किया जा रहा है। हुर्रियत से लेकर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में लिया गया है। 

बीजेपी, संघ का है एजेंडा

केंद्र में दुबारा मोदी सरकार आने के बाद से ही यह माना जा रहा था कि सरकार इस बार अनुच्छेद 370 पर आर या पार करेगी। गृह मंत्री अमित शाह संसद में कह चुके थे कि अनुच्छेद 370 अस्थायी है। बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की माँग लंबे अरसे से उठाते रहे हैं। बीजेपी ने कई बार कहा कि धारा 35ए के ज़रिए संविधान ही नहीं, संसद को भी छला गया और इसे गुपचुप तरीक़े से लाया गया था। अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का जिक्र बीजेपी ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र 2019 में भी प्रमुखता से किया था।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें