देश में पहले चरण के चुनाव के बाद पीएम मोदी की भाषा बदल गई है। वो कांग्रेस और मुसलमानों को अब सीधे टारगेट कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को बांसवाड़ा में कांग्रेस पर हमला करते हुए मुसलमानों को घुसपैठिया कहा। लेकिन अलीगढ़ में सोमवार को उनका भाषण पिछले दिन के मुकाबले बहुत ही ज्यादा तीखा था। मोदी ने अलीगढ़ में कहा- "मैं देशवासियों को चेतावनी देना चाहता हूं। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की नजर आपकी कमाई और आपकी संपत्ति पर है। कांग्रेस के 'शहजादा' (राहुल गांधी) कहते हैं कि अगर उनकी सरकार आती है सत्ता में, वे जांच करेंगे कि कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी संपत्ति है... हमारी माताओं और बहनों के पास सोना (गोल्ड) है, इसे पवित्र माना जाता है, कानून भी इसकी रक्षा करता है महिलाओं का 'मंगलसूत्र', मां-बहनों का गोल्ड चुराना है इनका इरादा... अगर आपके गांव में किसी पुराने पूर्वज का घर है और आपने अपने बच्चों के भविष्य के लिए शहर में एक छोटा सा फ्लैट भी खरीदा है दोनों में से एक को छीन लेंगे...ये माओवादी सोच है, ये कम्युनिस्टों की सोच है ऐसा करके वो पहले ही कई देशों को बर्बाद कर चुके हैं अब यही नीति कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन भारत में लागू करना चाहते हैं।"
अलीगढ़ में मोदी का भाषण कल से भी तीखा, कब जागेंगे चुनाव आयोग और कोर्ट
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- 22 Apr, 2024
मुसलमानों पर केंद्रित प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर देश में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में जो भाषण दिया था, उससे भी ज्यादा तीखा भाषण उनका सोमवार 22 अप्रैल को यूपी के अलीगढ़ में था। अभी चंद दिन पहले मोदी अमरोहा में क्रिकेटर मोहम्मद शमी की तारीफ करते हुए वोट मांग रहे थे। ऐसे में सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं, क्या चुनाव आयोग इसका संज्ञान लेगा। क्या मोदी का भाषण हेट स्पीच में नहीं आता?
