गुवाहाटी हाई कोर्ट और मेघालय हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर कर पूर्वोत्तर राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग की गई है। इन याचिकाओं के पीछे संघ परिवार की सोची-समझी साज़िश नजर आती है।