सरकार किसी ने किसी तरीके से मनुस्मृति को स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम में शामिल कराने के जुगाड़ में लगी रहती है। पिछले दिनों महाराष्ट्र में शिंदे-भाजपा सरकार ने की थी। लेकिन राजनीति गरमाने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने कदम पीछे खींच लिए। अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी यही कोशिश गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी अपने ग्रैजुएट प्रोग्राम में न्यायशास्त्र (कानूनी पद्धति) नामक पेपर के तहत प्राचीन संस्कृत पाठ मनुस्मृति को शामिल करने की योजना बना रहा है। बाबा साहब अंबेडकर ने मनु स्मृति का विरोध करते हुए इसकी प्रतियां जलाई थीं, अपने पैरों से रौंदा था। कांग्रेस ने मनु स्मृति लागू करने जैसी कोशिशों के आधार पर कहा था कि भाजपा और मोदी सरकार संविधान के खिलाफ है। क्योंकि वो अंबेडकर के विचारों के खिलाफ काम कर रही है।