Bye Manipur - Hi America pic.twitter.com/ADMSYs8SQH
— Congress (@INCIndia) June 20, 2023
- 100 से ज्यादा लोगों की मौत
- 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर
- करीब 50 दिन से हिंसा जारी और PM मोदी मणिपुर का 'म' नहीं बोल पाए।
जिम्मेदारी से भागने का मेरा पुराना नाता,
— Congress (@INCIndia) June 20, 2023
प्रचार के अलावा मुझे कुछ नहीं आता। pic.twitter.com/UfacnoAjbU
खड़गे ने पीएम मोदी पर चुप रहने, मणिपुर पर बैठक की अध्यक्षता नहीं करने और मणिपुर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा, "आपके मन की बात में पहले मणिपुर की बात शामिल होनी चाहिए थी। सीमावर्ती राज्य की स्थिति अनिश्चित और बेहद परेशान करने वाली है।"
कांग्रेस की मणिपुर इकाई ने भी अमेरिका रवाना होने से पहले 47 दिनों से अधिक समय से संकटग्रस्त राज्य के लोगों से नहीं मिलने के लिए मंगलवार को पीएम मोदी की आलोचना की। मणिपुर की कांग्रेस यूनिट ने लिखा- "प्रधान मंत्री @ नरेंद्रमोदी, आप अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा कर रहे हैं, जहाँ आपका स्वागत राष्ट्रपति @POTUS द्वारा किया जाएगा। लोकतंत्र में, आपसे मणिपुर के लोगों से मिलने की उम्मीद की जाती है, जो 47 दिनों से अधिक समय से उथल-पुथल में है। इससे पहले कि आप अमेरिका के लिए रवाना हो गए।
देश भर के इन 550 सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक साझा बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री मणिपुर में चल रही हिंसा पर अपनी अपनी चुप्पी तोड़ें।इन सामाजिक संगठनों की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है हिंसा के कारण लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं या हिंसा से प्रभावित हुए हैं। हिंसा अभी भी जारी है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों द्वारा निभाई गई विभाजनकारी राजनीति के कारण आज मणिपुर का बहुत बड़ा हिस्सा जल रहा है। अब और अधिक लोगों की जान नहीं जाए इसके लिए हिंसा के सिलसिले को रोकने की जिम्मेदारी इन्हीं सरकारों की है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को मणिपुर में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। हिंसा रोकने के लिए दोनों ही समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मणिपुर के दोनों ही समुदायों के ज़ख्मों को भरने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए काम होना चाहिए। ताकि विभाजन और नफरत को कम किया जा सके।
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