असली कांग्रेस किसे माना जाना चाहिए ? क्या उसे जो इस समय राहुल गांधी के नेतृत्व में मल्लिकार्जुन खड़गे के राज्य कर्नाटक में लाखों लोगों के स्वागत के बीच सड़कों से गुज़र रही है या फिर उसे जो नए अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद नई दिल्ली में प्रकट होने वाली है? या दोनों को ही ?
क्या राहुल गांधी के सपनों की नई कांग्रेस यही है?
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- 1 Oct, 2022

दिग्विजय सिंह ही अगर अंतिम रूप से कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव मैदान में बने रहते तो वे निश्चित ही डमी अध्यक्ष की तरह काम करने को तैयार नहीं होते। गांधी परिवार को इस बात का अंदेशा रहा होगा। इसलिए मल्लिकार्जुन खड़गे को राज़ी किया जाना ज़रूरी था।
कांग्रेस के असली चेहरे को लेकर देश की जनता को भ्रम में डाल दिया गया है। लोग इसी प्रतीक्षा में थे कि नई कांग्रेस का जन्म तो पाँच महीने की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद जनता के बीच से होने वाला है।
वर्ष 1998 में सीताराम केसरी की जगह सोनिया गांधी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। तभी से यह पद बिना किसी चुनाव के सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बीच बंटता रहा है। ख़ुशियाँ मनाई जा सकतीं हैं कि चौबीस सालों के बाद पहली बार कोई ग़ैर-गांधी अध्यक्ष चुनावों के ज़रिए पार्टी को प्राप्त होने जा रहा है।