कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर आईएएस अफ़सरों और सैन्य बलों के राजनीतिक इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार के लिए सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान, हथियार, विंग और विभाग अब आधिकारिक तौर पर 'प्रचारक' हैं! कांग्रेस अध्यक्ष ने इसको लेकर पीएम मोदी को ख़त लिखा है।
खड़गे ने आरोप लगाया है कि केंद्र की भाजपा सरकार पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के नाम पर नौकरशाही और सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण किया है। उन्होंने पीएम को लिखे खत को एक्स पर साझा करते हुए लिखा है कि हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान की रक्षा के मद्देनजर, यह जरूरी है कि उन आदेशों को तुरंत वापस लिया जाए जो नौकरशाही और हमारे सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देंगे।
For the Modi Govt, all agencies, institutions, arms, wings, and departments of the government are now officially 'Pracharaks' !
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 22, 2023
In view of protecting our democracy and our Constitution, it is imperative that the orders which would lead to the politicising of Bureaucracy and our… pic.twitter.com/t9hq0N4Ro4
ख़त में खड़गे ने आरोप लगाया है कि 18 अक्टूबर के एक सरकारी आदेश में निर्देश दिया गया कि संयुक्त सचिव और निदेशक जैसे उच्च पद वाले सहित वरिष्ठ अधिकारियों को रथप्रभारी के रूप में तैनात किया जाए। उन्होंने कहा है कि आदेश में कहा गया है कि ये रथप्रभारी भारत सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने के लिए भारत के सभी 765 जिलों में तैनात किए जाएँ।
खड़गे ने इन अधिकारियों को रथप्रभारी तैनात किए जाने पर यह कहते हुए आपत्ति जताई है कि इनका राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा है कि यह कोई संयोग नहीं है कि नौ साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल वाले हैं। उन्होंने कहा, 'यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का साफ़ उल्लंघन है। इसमें निर्देश है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा। हालाँकि सरकारी अधिकारियों के लिए सूचना का प्रसार करना सही है, लेकिन उन्हें जश्न मनाने और उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के लिए मजबूर करना सत्तारूढ़ दल का राजनीतिक कार्यकर्ता बना देता है।'
उन्होंने कहा है, 'जिस आर्मी ट्रेनिंग कमान को हमारे जवानों को देश की रक्षा के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वह सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के तरीके पर स्क्रिप्ट और प्रशिक्षण मैनुअल तैयार करने में व्यस्त है। लोकतंत्र में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सशस्त्र बलों को राजनीति से दूर रखा जाए।' खड़गे ने लिखा, 'प्रत्येक जवान की निष्ठा राष्ट्र और संविधान के प्रति है। हमारे सैनिकों को सरकारी योजनाओं के विपणन एजेंट बनने के लिए मजबूर करना सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम है।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि जवान अपनी वार्षिक छुट्टी के दौरान अपने परिवारों के साथ समय बिताने और निरंतर सेवा के लिए पूरी ऊर्जा पाने की आजादी के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी छुट्टियों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
खड़गे ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की रक्षा के मद्देनजर और हमारे संविधान के अनुसार यह जरूरी है कि नौकरशाही और हमारे सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेशों को तुरंत वापस लिया जाए।
खड़गे द्वारा यह चिट्ठी पोस्ट किए जाने के क़रीब दो घंटे में भाजपा ने पलटवार किया। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया है कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं के सभी लाभार्थियों तक पहुंच हो। उन्होंने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि वह गरीबों को गरीबी में रखना चाहती है।
It maybe an alien concept to the Congress Party, but public service delivery is the duty of a Government.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 22, 2023
If the Modi Govt wants to ensure saturation of all schemes and ensure all beneficiaries are reached, nobody who has the interest of the poor in his mind can have a problem.…
नड्डा ने कहा, 'यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक अनजान विचार हो सकता है, लेकिन सार्वजनिक सेवा वितरण सरकार का कर्तव्य है। यदि मोदी सरकार सभी योजनाओं को सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी लाभार्थियों तक पहुंच हो, तो इसमें जो गरीबों का हित नहीं सोचते हैं उनके मन में समस्या हो सकती है। कांग्रेस की रुचि केवल गरीबों को गरीबी में रखने में है।'
नड्डा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'रथ' युद्धपोतों को निजी नौकाओं के रूप में उपयोग करने के उलट सार्वजनिक संसाधनों का सही इस्तेमाल है।
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