भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह के चुनाव लड़ने को लेकर तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने अभी तक पर्चा नहीं भरा है, न ही चुनाव प्रचार ही शुरू किया है, पर सवाल यह उठ रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से ज़मानत पर रिहा होने वाली मालेगाँव धमाके की यह अभियुक्त चुनाव कैसे लड़ सकती है? क्या उनका चुनाव लड़ना ज़मानत की शर्तों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन नहीं है? जब वह चुनाव लड़ सकती हैं तो जेल में क्यों नहीं रह सकतीं?