सवाल पूछने के बदले कथित तौर पर पैसे लेने के मामले में लोकसभा की आचार समिति की बैठक में ही हंगामा हो गया। आरोपों का जवाब देने के लिए आचार समिति यानी इथिक्स पैनल के सामने पेश तो हुईं, लेकिन कुछ देर बाद ही वह बैठक से तमतमाई हुई बाहर निकल गईं। महुआ और पैनल में शामिल विपक्षी दलों के सदस्यों ने व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने के आरोप लगाए। इन आरोपों पर आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने अपनी जिरह के दौरान सहयोग नहीं किया और सवालों का सामना करने से बचने के लिए बाहर चली गईं।
लोकसभा का इथिक्स पैनल महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली और अन्य लाभ लिया। हालाँकि महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। एथिक्स कमेटी ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया।
संसद भवन से बाहर निकलते हुए महुआ ने आरोप लगाया, 'यह किस तरह की बैठक थी? वे हर तरह के गंदे सवाल पूछ रहे हैं।' उन्होंने पत्रकारों के सामने कहा, "वे कुछ भी पूछ रहे हैं। कोई भी बकवास कर रहे हैं। 'आपकी आँखों में आँसू हैं'। क्या मेरी आँखों में आँसू हैं, आपको आँसू दिख रहे हैं?"
समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि महुआ से व्यक्तिगत और अनैतिक प्रश्न पूछे गए। जब एक पत्रकार ने पूछा कि वे बैठक से क्यों चले गए तो एक अन्य विपक्षी सांसद ने कहा 'बहुत ज्यादा हो गया था'। कांग्रेस सांसद और पैनल के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों को पैनल अध्यक्ष द्वारा मोइत्रा से पूछे गए सवाल अमर्यादित और अनैतिक लगे।
विपक्षी सदस्यों को लगा कि सभापति महुआ से बहुत ही व्यक्तिगत सवाल पूछ रहे थे। रिपोर्ट है कि उन्होंने उनसे बार-बार कहा कि ये सवाल अमर्यादित और महिला सांसद के लिए अपमानजनक थे और उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।
विपक्षी सांसदों ने यह भी आरोप लगाया कि पूछताछ का तरीका अनुचित था। ऐसे सवालों को लेकर आपत्ति के बीच विपक्षी सदस्य आख़िरकार महुआ के साथ बैठक से बाहर चले गये।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार महुआ और विपक्षी सांसदों के आरोपों पर आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा, 'महुआ मोइत्रा ने समिति और जांच में सहयोग नहीं किया। विपक्षी सदस्यों ने भी ग़ुस्से में आरोप लगाए और अधिक सवालों के जवाब देने से बचने के लिए अचानक बैठक से बाहर चले गए। पैनल की कार्यप्रणाली और मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया।'
पैनल की एक अन्य सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि जब दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे के बारे में पूछा गया तो महुआ मोइत्रा ने ग़ुस्से में और अहंकारपूर्ण व्यवहार किया।
बता दें कि महुआ से जुड़े कैश-फॉर-क्वेरी के आरोप पिछले महीने तब सामने आए जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।
इसके बाद दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा देकर दावा किया था कि महुआ ने उन्हें संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से सवाल पोस्ट कर सकें। हीरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति को वह हलफनामा दिया।
इस बीच महुआ मोइत्रा ने मान लिया कि उन्होंने संसद लॉगइन और पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी को दिया था। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पैसे और गिफ्ट लेने के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने इस सवाल का जवाब भी दिया कि दर्शन हीरानंदानी को संसद लॉगइन आईडी और पासवर्ड क्यों दिया था। उन्होंने कहा कि हीरानंदानी उनके दोस्त हैं और उन्होंने संसद में पूछे जाने वाले सवाल को उनके कार्यालय में किसी से टाइप कराने के लिए लॉगइन पासर्वड दिया था।
उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा था, 'दर्शन हीरानंदानी के कार्यालय में किसी ने वह प्रश्न टाइप किया जो मैंने संसद की वेबसाइट पर दिया था। प्रश्न डालने के बाद वे मुझे जानकारी देने के लिए फोन करते और मैं सभी सवालों को एक बार में पढ़ जाती क्योंकि मैं हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यस्त रहती हूं। सवाल डालने के बाद मेरे मोबाइल फोन पर एक ओटीपी आता है। मैं वह ओटीपी दूँ तो ही सवाल सबमिट किया जाता है। इसलिए, यह आरोप कि दर्शन मेरी आईडी पर लॉगइन कर खुद के प्रश्न पूछे, हास्यास्पद है।'
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