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पूर्णिमा दास
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नगालैंड फ़ायरिंग के ख़िलाफ़ राजधानी कोहिमा में शनिवार को एक बड़ी रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों लोगों ने शिरकत की। इस रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर झूठ बोलने और मनगढंत बातें कहने का आरोप लगाते हुए उनसे इसके लिए माफ़ी माँगने को कहा गया।
याद दिला दें कि नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग गाँव में 4 दिसंबर को केंद्रीय सुरक्षा बलों ने एक ट्रैक्टर ट्रॉली में जा रहे लोगों पर गोलियाँ चला दीं। इसमें छह लोग मारे गए।
इससे उत्तेजित स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों के लोगों को घेर लिया। इसके बाद सुरक्षा बल ने उन्हें वहां से हटाने के लिए फिर गोलियाँ चलाईं। इसमें आठ लोग मारे गए। एक सुरक्षा कर्मी भी मारा गया।
शनिवार की रैली इस फ़ायरिंग व नगालैंड हिंसा के ख़िलाफ़ थी।
इस रैली में गृह मंत्री का पुतला जलाया गया और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ स्पेशल पॉवर्स एक्ट (अफ़्सपा) 1958 को रद्द करने की माँग की गई। इसके साथ ही यह माँग भी की गई कि अमित शाह संसद में दिए गए बयान को वापस लें और माफ़ी मांगे।
इस रैली का आयोजन स्थानीय क़बीलों के संगठन कोन्याक यूनियन ने किया था। इसमें ओटिंग गाँव के लोग भी मौजूद थे, जहाँ फ़ायरिंग हुई थी।
कोन्याक यूनियन के उपाध्यक्ष होनांग कोन्याक ने कहा,
“
हमें सहानुभूति नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए। तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करना दुर्भाग्यपूर्ण है। संसद में अमित शाह का बयान उलझन पैदा करने वाला था, इसमें ग़लत जानकारी दी गई थी।
होनांग कोन्याक. उपाध्यक्ष, कोन्याक यूनियन
उन्होंने इसके आगे कहा, "अमित शाह को अपना बयान तुरन्त वापस लेना चाहिए और माफ़ी माँगनी चाहिए।"
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिए गए बयान में कहा था, “4 दिसंबर की शाम को 21 पैरा कमांडो का एक दस्ता संदिग्ध क्षेत्र में तैनात था। इस दौरान एक वाहन उस जगह पहुंचा, इस वाहन को रुकने का इशारा किया गया। लेकिन यह वाहन रुकने के बजाय तेज़ी से निकल गया। इस आशंका पर कि वाहन में संदिग्ध विद्रोही जा रहे थे, वाहन पर गोली चलाई गई जिससे वाहन में सवार 8 में से 6 लोगों की मौत हो गई, बाद में यह ग़लत पहचान का मामला पाया गया, जो 2 लोग घायल हुए थे, उन्हें सेना ने स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।”
नगा संगठनों और दूसरे लोगों ने सरकार के इस बयान को खारिज कर दिया है।
कोन्याक ने यह भी चेतावनी दी कि जब तक नगालैंड फ़ायरिंग में मारे गए लोगों को न्याय नहीं मिलेगा, लोग चुप नहीं बैठेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि 'हमने जो पाँच माँगें पहले की थीं, उन्हें तुरन्त पूरा किया जाना चाहिए।'
इन मांगों में अफ़्सपा को रद्द करना, फ़ायरिंग की स्वतंत्र व निष्पक्ष जाँच कराना, जाँच कमेटी में नगा सिविल सोसाइटी के लोगों को शामिल करना और दोषियों को सज़ा देना शामिल है।
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