सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त जस्टिस पी. सी. घोष भारत के पहले लोकपाल हो सकते हैं। यह ख़बर ऐसे समय में आ रही है जब सरकार के पास गिने-चुने दिन बचे हैं और सुप्रीम कोर्ट कई बार इसके लिए सरकार को सख्ती से निर्देश दे चुका है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि शुक्रवार को लोकपाल चयन समिति ने लोकपाल का नाम तय कर लिया है और इसकी जल्द ही घोषणा की जाएगी। इसक सदस्यों में एक महिला जज सहित चार न्यायिक जजों और चार ग़ैर-न्यायिक अफ़सरों की भी नियुक्ति की गयी है। चयन समिति की बैठक में लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल नहीं हुए। बता दें कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए अन्ना हजारे के नेतृत्व में 2011 में आंदोलन शुरू हुआ था। इस आंदोलन के आगे मनमोहन सरकार को झुकना बड़ा था। इसके बावजूद लोकपाल की नियुक्ति में क़रीब आठ साल लग गये। नियुक्ति की ख़बर भी तब आयी है जब सुप्रीम कोर्ट इसके लिए कई बार सरकार को निर्देश दे चुकी है।