भूमि अधिग्रहण क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई से ख़ुद ही हटने से जस्टिस अरुण मिश्रा ने इनकार कर दिया है। संविधान पीठ इस क़ानून के प्रावधानों की व्याख्या करने के मामले में सुनवाई कर रहा है। जस्टिस मिश्रा इस बेंच में शामिल हैं। खंडपीठ के सामने कुछ भूमि संघों ने इस आधार पर जस्टिस मिश्रा को ख़ुद से हट जाने की माँग की थी क्योंकि जस्टिस मिश्रा ही इस बेंच का नेतृत्व कर रहे हैं जिन्होंने 2018 में इस मामले में फ़ैसला दिया था। इन संघों का मानना है कि जिस जज ने फ़ैसला दिया है फिर वही जज फिर से मामले पर पुनर्विचार कैसे कर सकते हैं।
भूमि अधिग्रहण केस में सुनवाई से हटने से जस्टिस अरुण मिश्रा का इनकार
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- 23 Oct, 2019
भूमि अधिग्रहण क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई से ख़ुद ही हटने से जस्टिस अरुण मिश्रा ने इनकार कर दिया है। संविधान पीठ इस क़ानून के प्रावधानों की व्याख्या करने के मामले में सुनवाई कर रहा है।

इस संविधान पीठ में जस्टिस अरुण मिश्रा के अलावा जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण, जस्टिस एम. आर. शाह और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट हैं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि जस्टिस अरुण मिश्रा को पाँच जजों की संविधान पीठ से हटाया गया तो यह इतिहास में एक काला अध्याय होगा। बेंच ने कहा कि यह न्यायपालिका पर हमले जैसे है।