लेखक-गीतकार जावेद अख्तर ने पाकिस्तान में जाकर ही पाकिस्तान को दो टूक बातें कही हैं। उन्होंने आतंवादियों को शरण देने के लिए पाकिस्तान की खिंचाई की। इसके अलावा उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि भारत पाकिस्तान के कलाकारों को बुलाता है और कार्यक्रम करता है, लेकिन क्या पाकिस्तान ने कभी भारत के कलाकारों को बुलाया!
सोशल मीडिया पर वायरल हुए जावेद अख्तर के वीडियो को साझा करते हुए ट्विटर यूज़र उनकी तारीफ़ों के पुल बांध रहे हैं। कोई कह रहा है कि पाकिस्तान में ही बैठकर पाकिस्तान को सीधे आईना दिखा दिया तो कोई कह रहा है कि 'इसे बोलते हैं घर में घुसकर आँखों में आँखें डाल कर मारना ...'। जसमीन कौर नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है, 'पाकिस्तान में बैठकर पाकिस्तान को आईना दिखाने के लिए जावेद अख्तर की सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने सीधे तौर पर भारत में मुंबई हमले के लिए पाक को जिम्मेदार ठहराया।'
Well for This Javed Akhtar must be appreciated for showing Mirror to #Pakistan while sitting in Pakistan.
— Jasmeen Kaur (@JasmeenIndian) February 21, 2023
He directly and bluntly blamed Pak of #MumbaiAttack on India#JavedAkhtar #PakistanBankrupt #NIARaid #KanganaRanaut #TheKashmirFiles pic.twitter.com/OL3Urd1yvw
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में जावेद अख्तर को यह कहते सुना जा सकता है कि 26/11 के मुंबई हमले के अपराधी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और भारतीय इससे परेशान हैं।
जावेद अख्तर लाहौर में प्रसिद्ध उर्दू कवि फैज अहमद फैज की याद में आयोजित एक समारोह में शामिल होने के लिए लाहौर में थे। कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर दर्शकों में से एक व्यक्ति ने उनसे पूछा, 'आप कई बार पाकिस्तान आए हैं। जब आप वापस जाते हैं, तो क्या आप अपने लोगों को बताते हैं कि ये अच्छे लोग हैं?'
उन्होंने यह भी कहा, 'हमने नुसरत, मेहदी हसन के बड़े कार्यक्रमों की मेजबानी की, लेकिन आपके देश में कभी लता मंगेशकर का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।'
ज़िंदाबाद जावेद साहब ! ज़िंदाबाद !!
— Vinod Kapri (@vinodkapri) February 21, 2023
पाकिस्तान जा कर पाकिस्तान के सामने ये सब आप ही कर सकते थे। pic.twitter.com/3ZhauZDY7I
चलो ये तो सही बोले जावेद साहब। #javedakhtar pic.twitter.com/M252Iu35En
— Ajay Sehrawat (@IamAjaySehrawat) February 21, 2023
पाकिस्तान जाकर जावेद अख़्तर ने ‘मुंबई हमलो’ को लेकर जो बात कही उसे सभी हिंदुस्तानियों को सुनना चाहिए। #JavedAkhtar pic.twitter.com/kitYbbYYVR
— Shubhankar Mishra (@shubhankrmishra) February 21, 2023
इसे बोलते हैं घर में घुसकर आंखों में आंखें डाल कर मारना.. #javedakhtar pic.twitter.com/md8W0V4qFE
— Shikhar Negi (@ImshikharNegi) February 21, 2023
जावेद अख़्तर ऐसे व्यक्ति हैं जो हर सामाजिक मुद्दों पर बेबाक बोलते और अपनी राय रखते रहे हैं। चाहे वह धर्मनिरपेक्षता पर हमले का मामला हो या फिर लोकतंत्र पर हमले का। देश का मामला हो या विदेशों का। जब पाकिस्तान के ननकाना साहेब में मुसलिम कट्टरपंथियों का हमला हुआ था तब भी उन्होंने अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था, 'ननकाना साहेब में मुसलिम कट्टरपंथियों ने जो कुछ भी किया है वह पूरी तरह से निंदनीय और उसकी पूरी तरह से भर्त्सना की जानी चाहिए। किस तरह के तीसरे दर्जे, मानव योग्य नहीं और नीचले दर्जे के लोग हैं जो दूसरे समुदाय के कमज़ोर समूह के साथ इस तरह का व्यवहार कर सकते हैं।'
वर्ष 2018 में उन्होंने अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तसवीर टंगी होने और गोडसे के मंदिर बनाए जाने पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा था, 'जिन्ना अलीगढ़ में न तो छात्र थे और न ही शिक्षक। यह शर्म की बात है कि वहाँ उनकी तसवीर लगी है। प्रशासन और छात्रों को उस तसवीर को स्वेच्छा से हटा देना चाहिए। जो लोग उस तसवीर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें अब उन मंदिरों के ख़िलाफ़ भी प्रदर्शन करना चाहिए जिन्हें गोडसे के सम्मान में बनाया गया।'
उन्होंने गुरमेहर कौर विवाद के मामले में भी राय रखी थी। 2017 में बवाल तब हुआ था जब गुरमेहर की एक तसवीर वायरल हुई थी जिसमें वह एक प्लेकार्ड लिए खड़ी थीं। इस पर अंग्रेज़ी में लिखा था, 'पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, बल्कि जंग ने मारा है।' इस पर विवाद खड़ा हो गया था और एबीवीपी ने ज़बरदस्त विरोध किया था। उनको 'राष्ट्रविरोधी' भी कहा गया था।
इस पर जावेद अख़्तर ने गुरमेहर कौर का समर्थन करते हुए ट्विटर पर लिखा था, "इतने सारे युद्ध के दिग्गजों और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने गुरमेहर के बयान का समर्थन किया है, लेकिन शायद वे कुछ लोगों के लिए उतने 'राष्ट्रवादी' नहीं हैं।"
उन्होंने बेंगलुरु में सांप्रदायिक तनाव पर लिखा था, 'धर्मनिरपेक्षता का मतलब अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता को अनदेखा करना या सहन करना नहीं है। बेंगलुरु में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश के लिए इस ग़ैर-ज़िम्मेदार और अपमानजनक मौलवी तनवीर हाशिम को तुरंत गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।'
जावेद अख़्तर ने एक अन्य ट्वीट में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता का मतलब बताया था। उन्होंने ट्वीट किया था, 'धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है साथी भारतीयों को अपनी जाति और समुदाय के आधार पर पक्षपात के बिना प्यार करना। सांप्रदायिकता का मतलब है लाखों साथी भारतीयों से नफ़रत करना।'
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