loader

दुनिया भर में हुए 'लोन वुल्फ' हमले, जानें इसके पीछे आईएस का क्या दिमाग़

क्या आपको पता है कि 'लोन वुल्फ' हमला क्या है और आईएसआईएस ने इसके पीछे क्या दिमाग़ लगाया है? अमेरिका के न्यू ऑरलिएंस में ट्रक से हमले में 15 लोगों के मारे जाने की ख़बर तो सुनी ही होगी। एक अकेले शख्स ने भीड़ को ट्रक से कुचल दिया। इसमें बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। पुलिस का कहना है कि उन्हें टेक्सास निवासी शम्सुद्दीन जब्बार नामक ट्रक चालक से इस्लामिक स्टेट चरमपंथी समूह का एक काला बैनर बरामद हुआ है।  

यदि इसकी पुष्टि हो जाती है तो वर्षों में यह पहला मामला होगा जो इतने बड़े पैमाने पर आईएस प्रेरित हमला है। इस तरह का आईएस प्रेरित हमला 'लोन वुल्फ' हमला कहा जाता है। हालाँकि, क़रीब एक दशक पहले इस तरह के हमलों में वृद्धि के बाद इसमें कमी आई है। 

ताज़ा ख़बरें

क्या है 'लोन वुल्फ' हमला?

'लोन वुल्फ़' हमले का मोटे तौर पर मतलब अकेले हमले करने से है। वैसे, इसका शाब्दिक अर्थ 'अकेला भेड़िया' है। 'लोन वुल्फ़' हमला उस तरह की वारदात को कहते हैं जिसमें कोई एक आतंकवादी अपनी मर्ज़ी से फ़ैसले लेता है और जहाँ वह रहता है वहीं अपने तरीक़े से हमला कर देता है। यह कोई ज़रूरी नहीं कि वह किसी आतंकवादी गुट से जुड़ा हुआ हो, उनसे हथियार और पैसे ले रहा हो या उनके निर्देश पर काम कर रहा हो या उसका कोई हैंडलर हो।

'लोन वुल्फ़' आतंकवादी हमले की बात तब सामने आई थी जब आतंकवादी गुट इसलामिक स्टेट के सरगना अबू बक़र-अल-बग़दादी ने 2016 में मुसलमानों से अपील की थी कि वे ख़ुद अकेले ग़ैर-मुसलमानों और इस्लाम के विरोधियों को चुनें और उन्हें निशाना बनाएँ, उनका यह काम जिहाद की श्रेणी में आएगा। हालाँकि इससे पहले भी इस तरह की वारदातें होती रहीं। उसके बाद दुनिया के अलग-अलग जगहों पर कई बार इस तरह की वारदात हुई जब किसी ने ट्रक को भीड़ में घुसा दिया हो या अपनी गाड़ी लोगों पर चढ़ा दी हो या ताबड़तोड़ गोलियाँ चला कर कई लोगों को मार दिया हो या चाकूबाजी से कई लोगों की जान ले ली हो।  

2019 में लंदन ब्रिज़ पर इसी तरह का हमला हुआ था। केंद्रीय लंदन स्थित लंदन ब्रिज पर हुई छुरेबाज़ी की घटना में दो लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही पुलिस की गोली से संदिग्ध हमलावर की भी मौत हो गई थी। पुलिस ने लंदन ब्रिज पर हुई वारदात में शामिल हमलावर की पहचान पाकिस्तानी मूल के उस्मान ख़ान के रूप में की थी। लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस ने इस हमले को 'आतंकी घटना' क़रार दिया था।
देश से और ख़बरें

2023 में इस तरह के हमले में स्पेन में एक की मौत हो गई थी। 2020 में नीस के एक चर्च में ऐसे हमले में 3 लोगों की मौत हो गई थी। 2017 में स्पेन में लोन वुल्फ हमले में 14 लोग मारे गए थे और उसी साल ब्रिटेन में 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 2016 में बर्लिन में 12 लोगों की और नीस में 85 लोगों की मौत हो गई थी। 

आईएस ने ऐसे हमले की ईजाद कैसे की?

सीरिया और इराक में अपने स्वघोषित खिलाफत से पांच साल से भी अधिक समय पहले अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा खदेड़ दिए जाने के बावजूद, इस्लामिक स्टेट ने मुख्य रूप से पश्चिम में बड़े पैमाने पर अल-कायदा शैली के हमलों की योजना बनाने के बजाय मध्य पूर्व में क्षेत्रीय नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित किया है।

इस्लामिक स्टेट की उत्पत्ति अल कायदा से अलग हुए समूह के रूप में हुई थी। 2014 तक नेता अबू बकर अल-बगदादी के नेतृत्व में ISIS ने इराक और सीरिया में बड़े क्षेत्रों को नियंत्रित किया और अन्य धर्मों और उन सुन्नी मुसलमानों पर अत्याचार किए जिन्होंने इस्लाम की इसकी सख्त व्याख्या का विरोध किया।
समूह ने अमेरिकियों और अन्य विदेशियों को निशाना बनाने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई है, अक्सर सिर कलम करने जैसी क्रूर रणनीति का उपयोग किया है। वैश्विक स्तर पर कई मुसलमान समूह की हिंसक कार्रवाइयों में अपना विश्वास जताते हैं। आईएस को जब लगा कि वह हर जगह और हर तरह की सहायता मुहैया नहीं करा सकता है तो उसने लोन वुल्फ तरीक़े की पैरवी की। इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूहों और अकेले व्यक्तियों को हमले करने के लिए प्रेरित करता है, भले ही इसमें सीधे तौर पर शामिल न हो। इसमें कोई दुनिया में कहीं भी बैठे-बैठे बिना किसी संगठन से जुड़े आतंकवादी कार्रवाई कर सकता था।
सम्बंधित खबरें

पहले आईएस से जुड़ी ऐसी साजिशें लगभग एक दशक पहले बढ़ी थीं, लेकिन तब से कम हो गई हैं। पिछले हमलों में 2014 में सैन बर्नार्डिनो में एक जोड़े द्वारा की गई गोलीबारी शामिल है, जिसमें 14 लोग मारे गए थे और 2016 में ऑरलैंडो नाइट क्लब में नरसंहार हुआ था, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। ऑरलैंडो के बंदूकधारी ने IS के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी और 911 कॉल के दौरान पश्चिमी संस्कृति के प्रति नफ़रत व्यक्त की थी। 

बहरहाल, न्यू ऑरलिएंस में ट्रक से हमला यदि लोन वुल्फ के रूप में पुष्ट होता है तो यह अमेरिका में अब तक का ऐसा सबसे बड़ा हमला होगा। यदि ऐसा होता है तो इस तरह के हमले को लेकर दुनिया के लिए एक बड़ा संकेत होगा।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें