अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर प्रेस की आज़ादी को लेकर हो-हल्ला क्यों है? क्या उनकी गिरफ़्तारी उनके चैनल रिपब्लिक टीवी पर किसी ख़बर को प्रकाशित करने को लेकर है? नहीं न? या फिर क्योंकि यह एक पत्रकार से जुड़ा मामला है इसलिए यह अपने आप ही प्रेस की आज़ादी से जुड़ा मामला हो गया? क्या यह पूरी तरह आपराधिक मामला है? इन सवालों का जवाब इस पूरे मामले को समझने पर मिल सकता है।