अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर प्रेस की आज़ादी को लेकर हो-हल्ला क्यों है? क्या उनकी गिरफ़्तारी उनके चैनल रिपब्लिक टीवी पर किसी ख़बर को प्रकाशित करने को लेकर है? नहीं न? या फिर क्योंकि यह एक पत्रकार से जुड़ा मामला है इसलिए यह अपने आप ही प्रेस की आज़ादी से जुड़ा मामला हो गया? क्या यह पूरी तरह आपराधिक मामला है? इन सवालों का जवाब इस पूरे मामले को समझने पर मिल सकता है।
अर्णब की गिरफ़्तारी: प्रेस की आज़ादी या अपराध का केस?
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- 4 Nov, 2020
अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर प्रेस की आज़ादी को लेकर हो-हल्ला क्यों है? क्या उनकी गिरफ़्तारी उनके चैनल रिपब्लिक टीवी पर किसी ख़बर को प्रकाशित करने को लेकर है? नहीं न? क्या यह पूरी तरह आपराधिक मामला है?

जिस मामले में अर्णब की गिरफ़्तारी की गई है वह मामला दो साल पुराना है। कोंकोर्ड डिज़ाइन के मैनेजिंग डायरेक्टर अन्वय नाइक अपनी माँ कुमुद नाइक के साथ मई 2018 में रायगढ़ ज़िले में अलीबाग के अपने बंगले में मृत पाए गए थे। मरने के पहले अन्वय ने ख़ुदकुशी नोट छोड़ा था। इसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए 3 लोगों को ज़िम्मेदार बताया था जिनमें एक नाम अर्णब गोस्वामी का भी था।