नागरिकता क़ानून के समर्थन और विरोध में हुए प्रदर्शनों ने दिल्ली को दहला दिया। 13 लोगों की जान जाने के बाद दिल्ली पुलिस चेती और मंगलवार रात को उसने जाफ़राबाद और मौजपुर इलाक़े से प्रदर्शनकारियों को हटा दिया और उपद्रवियों को खदेड़ दिया। देश की राजधानी में इतने बड़े पैमाने पर हिंसा को किसने अंजाम दिया, यह एक बड़ा सवाल है। पीएफ़आई (पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया) और भीम आर्मी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ख़ुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं।
सीएए- दिल्ली, अलीगढ़ हिंसा में पीएफ़आई, भीम आर्मी का हाथ: पुलिस रिपोर्ट
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- 26 Feb, 2020
पीएफ़आई (पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया) और भीम आर्मी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ख़ुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं।

पीएफ़आई एक इसलामिक संगठन है और देश के कई राज्यों में इस संगठन का अच्छा-ख़ासा नेटवर्क है। उत्तर प्रदेश में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए हिंसक प्रदर्शनों में पीएफ़आई का नाम प्रमुखता से सामने आया था और पुलिस ने बड़ी संख्या में इसके कार्यकर्ताओं को जेलों में ठूंस दिया था। दूसरी ओर भीम आर्मी बाबा साहेब अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलने का दावा करती है।