जालौर में 9 साल की उम्र के बच्चे इंद्र कुमार मेघवाल की पिटाई के बाद हुई मौत के बाद जातिगत भेदभाव और जाति के आधार पर होने वाले उत्पीड़न का सवाल फिर से आ खड़ा हुआ है। स्कूलों में होने वाला इस तरह का भयावह उत्पीड़न निश्चित रूप से दलित समाज के बच्चों के मन में डर पैदा करता है और उन्हें अपने बेहतर भविष्य के लिए आगे बढ़ने से भी रोकता है।