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बदर खान सूरी

यूएस से भारत डिपोर्ट किए जा रहे छात्र बदर खान सूरी कौन है, विवाद क्यों?

अमेरिका में हिरासत में लिए गए भारतीय मूल के प्रोफेसर बदर खान सूरी को भारत भेजा जा रहा है। सूरी, जो वाशिंगटन डीसी स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टरल फेलो हैं, पहले दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में पढ़ चुके हैं।
उनके वकील हसन अहमद का आरोप है कि सूरी के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि उनकी पत्नी फिलिस्तीनी मूल की हैं। दरअसल, गाजा और फिलिस्तीन का सूरी की ज़िंदगी से गहरा नाता रहा है।
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कौन हैं बदर खान सूरी?

सूरी ने "दक्षिण एशिया में बहुसंख्यवाद और अल्पसंख्यक अधिकार" विषय पर पढ़ाया। उन्होंने भारत से पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज (शांति और संघर्ष अध्ययन) में पीएचडी की। उनके विषय मुख्य रूप से राजनीतिक असमानता, मानवाधिकार और संघर्ष समाधान पर आधारित थे।

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बदर खान सूरी की फिलिस्तीनी पत्नी

अमेरिका में गिरफ्तारी कैसे हुई?

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के नकाबपोश एजेंटों ने उन्हें वर्जीनिया स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया।

उन्हें बताया गया कि उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया है।

राजनीतिक प्रतिशोध या हकीकतः सूरी के वकील हसन अहमद के मुताबिक "यह कार्रवाई उनकी पत्नी की फिलिस्तीनी विरासत के कारण हो रही है। सरकार को शक है कि सूरी और उनकी पत्नी अमेरिका की इजरायल नीति के खिलाफ हैं। हालांकि बदर खान सूरी की पत्नी मफाज़ अहमद यूसुफ, जो गाजा से हैं, लेकिन अब अमेरिकी नागरिक हैं। दोनों की शादी 1 जनवरी 2014 को हुई थी।

बदर खान सूरी को डिपोर्ट करने का असली कारण

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की असिस्टेंट सेक्रेटरी ट्रिशा मैकलॉघलिन के अनुसार:

  • सूरी के एक संदिग्ध आतंकवादी से करीबी संबंध हैं।"
  • वे अपने कैंपस में हमास का प्रचार कर रहे थे और सोशल मीडिया पर एंटी-सेमिटिज्म फैला रहे थे।"
  • वे अमेरिका में रहकर अमेरिकी विदेश नीति का विरोध कर रहे थे।"
  • अमेरिका ने हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया हुआ है।

और भी भारतीय छात्र डिपोर्ट

यह मामला अकेला नहीं है!
  • कोलंबिया यूनिवर्सिटी की भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन ने पिछले हफ्ते खुद को कनाडा डिपोर्ट कर दिया।
  • श्रीनिवासन पर आरोप था कि वे हमास समर्थक गतिविधियों में शामिल थीं।
  • अमेरिकी एजेंसियां अब यूनिवर्सिटी कैंपस में एंटी-सेमिटिक (यहूदी विरोधी) और कट्टरवादी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रख रही हैं।

सूरी और हमास का कनेक्शन?

  • सूरी के ससुर अहमद यूसुफ हमास सरकार में पूर्व उप-विदेश मंत्री थे।
  • उन्होंने गाजा में ‘हाउस ऑफ विजडम इंस्टिट्यूट’ की स्थापना की।
  • अहमद यूसुफ को "हमास का पश्चिमी दुनिया से संपर्क सूत्र" माना जाता है।
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ताजा जानकारी ये है कि सूरी को वर्जीनिया की एक डिटेंशन फैसिलिटी में रखा गया है। जल्द ही उन्हें टेक्सास के एक डिटेंशन सेंटर में ट्रांसफर किया जाएगा। अमेरिकी सरकार ने उनके डिपोर्टेशन का अंतिम आदेश जारी कर दिया है।

लेकिन इस घटना से दो सवाल बन रहे हैं- क्या यह मामला अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के लिए चेतावनी है? दूसरा क्या अमेरिका की विदेश नीति से असहमति अब कानूनी कार्रवाई का कारण बन सकती है?

रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी
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क़मर वहीद नक़वी
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