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सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती

सुशांत राजपूत केस में CBI क्लोजर रिपोर्टः कहां है रिया से ड्रग्स मांगने वाला मीडिया?

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट मुंबई की विशेष अदालत में दाखिल कर दी है। इस रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि सुशांत की मौत आत्महत्या थी और इसमें किसी साजिश या अपराध का कोई सबूत नहीं मिला। इसके साथ ही अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी गई है। इस घटनाक्रम के बाद एक सवाल जोर पकड़ रहा है- क्या अब भारतीय मीडिया, जिसने इस मामले में रिया को निशाना बनाया था, उनसे माफी मांगेगा?

सुशांत सिंह राजपूत की मौत 14 जून 2020 को हुई थी। इसके बाद यह मामला न सिर्फ जांच एजेंसियों के लिए, बल्कि मीडिया और सोशल मीडिया के लिए भी एक बड़ा मुद्दा बन गया। शुरुआत में मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या माना, लेकिन सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा रिया चक्रवर्ती पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाए जाने के बाद मामला CBI को सौंपा गया। 

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जांच के दौरान रिया को ड्रग्स से जुड़े एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया और उन्हें 27 दिन जेल में बिताने पड़े। इस बीच, मीडिया ने रिया को "खलनायिका" के तौर पर पेश किया, बिना सबूतों के उन पर गंभीर आरोप लगाए और उनकी निजी जिंदगी को तार-तार कर दिया।
CBI की क्लोजर रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि सुशांत की मौत में रिया या किसी अन्य की कोई भूमिका नहीं थी। AIIMS की फोरेंसिक टीम ने भी "हत्या" या "जहर देने" जैसे दावों को खारिज किया था। इसके बावजूद, मीडिया ने चार साल तक इस मामले को सनसनीखेज बनाए रखा। अब जब सच सामने आ गया है, सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मीडिया अपनी गलती स्वीकार करेगा और रिया से माफी मांगेगा?

रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, "सच की जीत हुई है। हम CBI के आभारी हैं कि उन्होंने हर पहलू की गहन जांच की। लेकिन सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने जो झूठ फैलाया, वह अनुचित था। रिया को बिना किसी गलती के जेल में समय बिताना पड़ा।" उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया को अपने बर्ताव पर विचार करना चाहिए।

सुशांत की मौत के बाद का माहौल ऐसा था कि टीवी चैनलों और सोशल मीडिया ने इसे एक सुनहरा मौका माना। रिया को अपराधी की तरह पेश किया गया, जबकि जांच अभी शुरू भी नहीं हुई थी। कई न्यूज चैनलों ने दावा किया था कि सुशांत की हत्या हुई थी, और रिया इसके पीछे थीं। लेकिन CBI की रिपोर्ट ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया। अब सवाल यह है कि क्या वे चैनल, जो "मीडिया ट्रायल" चलाते रहे, अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे?

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं तीखी हैं। एक यूजर ने लिखा, "मीडिया ने रिया की जिंदगी नर्क बना दी, अब क्या वे माफी मांगेंगे?" एक अन्य ने कहा, "यह भारतीय पत्रकारिता का सबसे शर्मनाक चेहरा है।" हालांकि, अभी तक किसी बड़े मीडिया हाउस ने इस मामले में कोई आधिकारिक माफी या बयान जारी नहीं किया है।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला "मीडिया ट्रायल" का एक जीता-जागता उदाहरण है, जहां तथ्यों से ज्यादा सनसनी को तरजीह दी गई। पत्रकारिता के नैतिकता पर सवाल उठाते हुए एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, "मीडिया को अपनी सीमाएं समझनी चाहिए। बिना सबूत के किसी को दोषी ठहराना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि अमानवीय भी।"


रिया चक्रवर्ती ने इस पूरे मामले में चुप्पी साधे रखी है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें न सिर्फ माफी मिलनी चाहिए, बल्कि उनकी मानसिक और भावनात्मक क्षति की भरपाई भी होनी चाहिए। दूसरी ओर, सुशांत के परिवार के पास अभी भी इस रिपोर्ट के खिलाफ कोर्ट में अपील करने का विकल्प है। अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी, जिसके बाद इस मामले का भविष्य और स्पष्ट होगा।

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फिलहाल, यह सवाल अनुत्तरित है कि क्या भारतीय मीडिया रिया चक्रवर्ती से माफी मांगेगा, या यह मामला भी पत्रकारिता के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज होकर रह जाएगा। सच सामने आने के बाद अब जनता की नजरें मीडिया की जवाबदेही पर टिकी हैं।

रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी
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क़मर वहीद नक़वी
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