loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

लॉयड ऑस्टिन के साथ राजनाथ सिंह।फोटो साभार: ट्विटर/राजनाथ सिंह

मुक्त इंडो पैसिफिक क्षेत्र के लिए अमेरिका-भारत साझेदारी जरूरी: राजनाथ

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को बेहद अहम बताया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भी दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध की ज़रूरत पर बल दिया। इजराइल-हमास युद्ध के बीच भारत और अमेरिका के बीच 2+2 स्तर की यह बैठक हो रही है। समझा जाता है कि मध्य पूर्व में अमेरिका का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत पहुंचे हैं।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ बैठक कर रहे हैं। भारत ने कहा है कि वार्ता रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित होगी। भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ क्वाड का हिस्सा है। क्वाड एक ऐसा समूह है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के खिलाफ खुद को एक सुरक्षा कवच के रूप में देखता है। 

ताज़ा ख़बरें

राजनाथ सिंह के विचारों को दोहराते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम एक स्वतंत्र और खुले, समृद्ध, सुरक्षित और लचीले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा दे रहे हैं। ब्लिंकन ने जयशंकर से मुलाकात के बाद कहा, 'यहां भारत में होना हमेशा अद्भुत होता है। हमारे बीच न केवल अब तक की सबसे मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी है, बल्कि एक क्षेत्रीय और वास्तव में एक वैश्विक साझेदारी भी है।'

उन्होंने कहा, 'हमें बहुत कुछ करना है, जिसमें हमारे रक्षा सहयोगी भी शामिल हैं। मुझे लगता है कि यह इंडो-पैसिफिक पर संयुक्त राज्य अमेरिका के दृढ़ संकल्प का एक और सबूत है।'

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक हितों का सामंजस्य बढ़ रहा है और रक्षा, सुरक्षा और खुफिया सहयोग में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक बनी हुई है।
देश से और ख़बरें

रक्षा मंत्री ने अमेरिकी समकक्ष से कहा, 'आपकी भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका पहले से कहीं अधिक करीब हैं। विभिन्न भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद हमें महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की ज़रूरत है... हम अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं जो चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं।'

माना जा रहा है कि एंटनी ब्लिंकन 2+2 बैठक के दौरान इज़राइल-हमास युद्ध को उठाएंगे और युद्ध पर अपनी स्थिति के लिए भारत का समर्थन हासिल करेंगे। इजराइल पर हमास के अचानक हमले के तुरंत बाद भारत ने हमास की निंदा करने में तेजी दिखाई थी।

हमले के तुरंत बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर इज़राइल के साथ खड़े होने का संकेत दिया था। जबकि 13 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा था, 'इस संबंध में हमारी नीति लंबे समय से और लगातार वही रही है। भारत ने हमेशा सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना और इजराइल के साथ शांति से रहने के लिए सीधी बातचीत बहाल करने की वकालत की है।'

बाद में खुद पीएम मोदी ने भी कहा था कि इजराइल-फिलिस्तीन पर भारत का रुख पहले की तरह ही जस का तस है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने यह बात फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बातचीत में कही थी। 

ख़ास ख़बरें

उन्होंने ट्वीट करके ही इस बात की जानकारी दी है कि इज़राइल-फिलिस्तीन को लेकर भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा, 'फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति महामहिम महमूद अब्बास से बात की। ग़ज़ा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की। हम फ़िलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की। इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें