क्या भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रैक- टू डिप्लोमेसी चल रही है? क्या अनौपचारिक चैनलों से वे एक-दूसरे के संपर्क में हैं और द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने की दिशा में काम कर रहे हैं?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि कई साल की तनातनी और एक-दूसरे से बात नहीं करने की जिच के बीच भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के नज़दीक आ रहे हैं और उनके बीच कटुता कम होती जा रही है। इसे इससे समझा जा सकता है कि पाकिस्तान से घुड़सवारों की एक टीम भारत आई हुई है जिसने टेंट पेगिंग इवेंट में भाग लिया। ऊपर से सामान्य दिखने वाली यह घटना बहुत ही महत्वपूर्ण इसलिए है कि इस प्रतिस्पर्द्धा का आयोजन भारतीय सेना ने किया है और इसमें भाग लेने वाले घुड़सवार पाकिस्तानी सेना के हैं।
भारत में पाकिस्तानी टीम
भारतीय सेना संचालित इक्वेस्ट्रेन फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने इसका आयोजन किया है। राजधानी दिल्ली से सटे नोयडा में हुई इस प्रतिस्पर्द्धा में भारतीय घुड़सवारों ने टीम लान्स कम्पीटीशन में स्वर्ण पदक जीता जबकि पाकिस्तानी घुड़सवारों ने व्यक्तिगन लांस इवेंट में सोने पर क़ब्ज़ा कर लिया।
पाकिस्तान टीम के महासचिव आमिर मुनव्वर ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा कि वीसा मिलने में देर हुई, वे तो निराश हो चुके थे, लेकिन अंत में भारत ने वीसा जारी कर दिया और वे इसमें भाग लेकर बहुत ही खुश हैं।
युद्धविराम
बता दें कि इसके पहले दोनों सेनाएं सीमा पर शांति कायम करने और युद्धविराम का सख़्ती से पालन करने पर राजी हुए थे। दोनों देशों के मिलीटरी ऑपरेशन्स के महानिदेशकों ने आपसी बातचीत से इस पर एकराय कायम कर ली कि सीमा पर गोलाबारी न की जाए।
दोनों देशों के डीजीएमओ इस बात के लिए भी तैयार हैं कि वे एक-दूसरे की ओर से उठाई गई चिंताओं और अहम मुद्दों पर काम करेंगे। इससे पहले दोनों देश एक-दूसरे पर एलओसी पर सीज़ फायर के उल्लंघन का आरोप लगाते रहे हैं।
डोभाल-यूसुफ़ बातचीत
'हिन्दुस्तान टाइम्स' के मुताबिक़, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तान के मोईद यूसुफ़ कुछ लोगों के जरिये एक-दूसरे के संपर्क में थे। इन दोनों की एक बार किसी तीसरे देश में आमने-सामने मुलाक़ात भी हुई थी। इस बातचीत की जानकारी रखने वाले शख़्स के मुताबिक़ भारत में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ही इसकी जानकारी थी।
हालांकि मोईद यूसुफ़ ने कुछ ट्वीट कर कहा था कि उनके और डोभाल के बीच में कोई बातचीत नहीं हुई और एलओसी को लेकर उठाया गया ताज़ा क़दम दोनों देशों के डीजीएमओ की लगातार बातचीत का नतीजा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधारने की दिशा में काम करने का संकेत फरवरी में मिला था, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने इसलामाबाद में कहा था कि यह वह वक़्त है जब शांति बहाली के लिए सभी दिशाओं में हाथ आगे बढ़ाने की ज़रूरत है।
क्या कहा था इमरान ने?
इसके ठीक पहले इसका संकेत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने श्रीलंका दौरे के दौरान भी दिया। श्रीलंका में ख़ान ने कहा कि दोनों देश कश्मीर मसले का हल बातचीत से ही निकाल सकते हैं।
यह महज संयोग नहीं है कि बीते कुछ हफ़्तों से जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं कम होने लगी थीं। कुछ दिन पहले भारत ने इमरान ख़ान के विशेष विमान को भारत के एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत भी दे दी थी।
तो क्या दोनों देशों के बीच अनौपचारिक बातचीत चल रही है? इस पर कुछ भी कहना जोखिम भरा है, पर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति मानने वालों का कहना है कि खराब हो चुके रिश्ते इसी तरह धीरे-धीरे ठीक किए जाते हैं।
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