सरकार ने शुक्रवार को इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति की अग्नि को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर बनाए गए अमर जवान ज्योति से विलय कर दिया। इसके साथ ही इंडिया गेट पर अब अमर जवान ज्योति की अग्नि नहीं जलेगी। यह 1971 में पाकिस्तान पर जीत और इसके लिए कुर्बानी देने वाले भारतीय सैनिकों की याद में 1972 से जलती रही थी। अब उस अग्नि को उस जगह से क़रीब सौ मीटर दूर और 2019 में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में स्थापित ज्योति के साथ मिला दिया गया है।
आख़िर अमर जवान ज्योति इतनी ख़ास क्यों?
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- 21 Jan, 2022
इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति की अग्नि को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर विलय कर देने पर इतना विवाद क्यों है? आख़िर यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

सरकार के इस फ़ैसले से राजनीतिक विवाद हो गया है। विपक्षी दल तो सवाल उठा ही रहे हैं, सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले कुछ प्रभावशाली लोग भी इसकी आलोचना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कोई इसे 'इतिहास से डर' क़रार दे रहा है तो कहीं यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि क्या अपने ही इतिहास और विजय के प्रतीक नष्ट किए जा रहे हैं? आख़िर लोग इस पर इस तरह के सवाल क्यों उठा रहे हैं? जानिए, अमर जवान ज्योति क्या है और इसका इतना महत्व क्यों है।