सरकार ने मंगलवार को कहा है कि इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल चलने के लिए भारतीय वायु सेना के तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
यह मामला तब सामने आया था जब पाकिस्तानी सेना ने इसी साल 10 मार्च को कहा था कि अज्ञात फ्लाइंग ऑब्जेक्ट की वजह से नागरिक उड़ानों को ख़तरा पैदा हो गया और भारत को इसका एक स्पष्टीकरण देना चाहिए। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनलर बाबर इफ्तिखार ने दावा किया था, '9 मार्च को हाई स्पीड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को पाकिस्तान एयर फोर्स के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर ने भारतीय क्षेत्र से छोड़ा जाना पकड़ा था।'
इस मामले में मंगलवार को भारतीय वायु सेना के एक बयान में कहा गया, 'एक ब्रह्मोस मिसाइल गलती से 9 मार्च 2022 को दागी गई थी। घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने सहित मामले के तथ्यों की पड़ताल करने के लिए गठित एक कोर्ट ऑफ़ इंक्वायरी (कर्नल) ने पाया कि गलती से चली मिसाइल की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का तीन अधिकारियों ने नेतृत्व किया था।'
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बयान में कहा गया है, 'इन तीनों अधिकारियों को मुख्य रूप से घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है। केंद्र सरकार ने उनकी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। 23 अगस्त को अधिकारियों को बर्खास्तगी के आदेश दिए गए हैं।'
बता दें कि जिस 'फ्लाइंग ऑब्जेक्ट' को पाक क्षेत्र में गिरने का दावा किया गया था उसको लेकर भारत ने कहा था कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से एक मिसाइल चल गई थी।
तब भारत के रक्षा मंत्रालय ने इस घटना के लिए 'तकनीकी खराबी' को ज़िम्मेदार बताया था और 'गहरा खेद' जताया था।
पाकिस्तान ने कहा था कि मिसाइल ने 40,000 फीट की ऊंचाई पर और ध्वनि की गति से तीन गुना तेज गति से उसके हवाई क्षेत्र के अंदर 100 किमी से अधिक की दूरी पर उड़ान भरी। मिसाइल पर कोई वारहेड नहीं था, इसलिए विस्फोट नहीं हुआ। पाकिस्तान ने इस घटना की जांच की मांग की थी। उसने कहा था कि इससे यात्री उड़ानें और नागरिक जीवन ख़तरे में पड़ सकता है।
उस घटना के बाद ख़बर आई थी कि पाकिस्तान में गिरी उस मिसाइल पर पाकिस्तान भी जवाबी हमला करने ही वाला था। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी थी कि पाकिस्तान ने जवाबी हमले के लिए उसी तरह की मिसाइल दागने की तैयारी कर ली थी लेकिन आख़िरी वक़्त में वह फ़ैसला बदला गया। ऐसा इसलिए कि पाकिस्तान को शुरुआती आकलन में कुछ संकेत मिले कि कुछ गड़बड़ी थी।
माना जाता है कि मिसाइलों से इस तरह की कोई जवाबी कार्रवाई दोनों देशों के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती थी। ऐसा इसलिए कि दोनों देशों के बीच लंबे अरसे से ख़राब रिश्ते हैं और मिसाइलों से हमले के बुरे अंजाम हो सकते हैं। ख़ासकर, इसलिए भी कि दोनों देश परमाणु बम से लैस हैं।
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