भारत और चीन के सैनिकों के बीच तवांग के यांगस्ते इलाके में झड़प हुई है। इससे पहले मई 2020 में जब पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी तब भारत-चीन के बीच सीमा विवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठा था। इसके बाद दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनीतिक वार्ताओं का दौर भी चला और सीमा पर हालात सामान्य होने की बात कही गई।
भारत-चीन सीमा विवाद: एलएसी का कब होगा निर्धारण?
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- 13 Dec, 2022
दोनों देशों के बीच चार हजार किमी. लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कई इलाक़ों पर अकसर एक-दूसरे के सैनिकों के द्वारा अतिक्रमण की घटना होती है जिन्हें आम तौर पर आपसी बातचीत के द्वारा सुलझा लिया जाता है। लेकिन जब तक एलएसी का निर्धारण नहीं होगा, तब तक इस तरह की झड़पें होती रहेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग।
लेकिन अब तवांग की इस ताजा घटना ने सीमा विवाद को लेकर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं।
बताना होगा कि दोनों देशों के बीच चार हजार किमी. लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कई इलाक़ों पर अकसर एक-दूसरे के सैनिकों के द्वारा अतिक्रमण की घटना होती है। अतिक्रमण की घटना इसलिए होती हैं क्योंकि दोनों देशों की सीमाएं निर्धारित नहीं हैं और दोनों की इसे लेकर अपनी-अपनी धारणाएं हैं।