भारत हर रोज़ सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले में अब तीसरे स्थान पर आ गया है। भारत में सोमवार को एक दिन में संक्रमण के क़रीब 40 हज़ार मामले आए हैं वहीं दुनिया में सबसे ज़्यादा केस ब्राज़ील में क़रीब 53 हज़ार और फिर अमेरिका में क़रीब 45 हज़ार आए हैं।
अमेरिका, ब्राज़ील और भारत ही दुनिया में सबसे ज़्यादा कोरोना से प्रभावित देश भी हैं और इन्हीं देशों में अब तक सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं। अमेरिका में 3 करोड़ से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और साढ़े पाँच लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। ब्राज़ील में 1 करोड़ 20 लाख संक्रमण के मामले आए हैं और 2 लाख 93 हज़ार मौतें हुई हैं। भारत में 1 करोड़ 16 लाख संक्रमण के मामले आए हैं और 1 लाख 60 हज़ार मौतें हुई हैं।
लेकिन भारत के लिए सबसे ज़्यादा चिंता की बात यह है कि यहाँ संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है और संकेत है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है। देश में 24 घंटों में कोरोना के 40,715 नए मामले सामने आए और 199 लोगों की मौत हो चुकी है। देश भर में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,45,377 हो चुकी है। महाराष्ट्र में एक बार फिर डराने वाला आंकड़ा सामने आया और 24 घंटों में 24,645 नए मामले सामने आए। राज्य में देश भर के कोरोना के कुल एक्टिव मामलों के 83 फ़ीसदी मामले हैं।
महाराष्ट्र के अलावा तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा से बढ़े हुए मामले सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में बीते कुछ दिनों से लगातार क़रीब 25 हज़ार मामले सामने आ रहे हैं।
देश में कम से कम 9 राज्य ऐसे हैं जहाँ जनवरी के बाद सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं। गुजरात में सोमवार को 1640 केस आए। छत्तीसगढ़ में भी इस साल सबसे ज़्यादा मामले आए और वहाँ 1525 मामले दर्ज किए गए।
मध्य प्रदेश में 1348, दिल्ली में 888 और हिमाचल प्रदेश में 200 मामले दर्ज किए गए। तमिलनाडु में 14 दिसंबर के बाद सबसे ज़्यादा मामले 1385 केस दर्ज किए गए। राजस्थान में 602 मामले आए जो 1 जनवरी के बाद सबसे ज़्यादा हैं।
कई राज्यों में संक्रमण के मामले में तेज़ी आने से इस बात की आशंका हो गई है कि क्या देश में दूसरी लहर शुरू हो गई है। महाराष्ट्र में तो काफ़ी पहले ही दूसरी लहर शुरू हो चुकी है और वहाँ रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण उतना ज़्यादा फैला है जितना पहले कभी नहीं रहा। रविवार को एक दिन में 30 हज़ार से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले आए थे। इससे एक दिन पहले 27 हज़ार मामले आए थे। पहली लहर के दौरान एक दिन में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले पिछले साल 11 सितंबर को आए थे और तब 24 हज़ार 886 संक्रमण के मामले रिकॉर्ड किए गए थे। इसके बाद हालात सुधरते आए थे और स्थिति तो ऐसी आ गई थी कि स्कूल खोल दिए गए और मुंबई की लोकल ट्रेनें भी शुरू कर दी गईं।
इस बार जो सबसे ज़्यादा चिंता की बात है वह यह है कि इस बार छोटे शहरों और गाँवों में संक्रमण फैल रहा है। महाराष्ट्र को ही लीजिए। राज्य के अकोला, अमरावती, बुलढाणा, पिंपरी चिंचवाड़, नाशिक, औरंगाबाद और नागपुर जैसे ज़िलों में संक्रमण के मामले ज़्यादा आ रहे हैं। राज्य में जब पहली लहर आई थी तो ये ज़िले इतने ज़्यादा प्रभावित नहीं थे, लेकिन दूसरी लहर में ये ज़िले ही ज़्यादा प्रभावित हैं। अब तक शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण नहीं फैला था।
अभी कुछ दिन पहले जब प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना पर चर्चा की थी तब प्रधानमंत्री ने भी कुछ ऐसी ही बात कही थी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि गाँवों में संक्रमण फैला तो उसको संभालने में व्यवस्थाएँ कम पड़ जाएँगी। उन्होंने इसके सुधार करने की भी बात कही।
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