लोकसभा ने गुरुवार को आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कहा, 'भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी आकर बस जाए।' यह बयान न केवल देश की सीमाओं को सुरक्षित करने पर जोर देता है, बल्कि अवैध घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार के कड़े रुख को भी उजागर करता है। विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया है। तो सवाल है कि क्या यह विधेयक भारत को एक नई दिशा देगा, या यह विपक्ष के लिए एक नया विवाद बनकर उभरेगा?