लोकसभा ने गुरुवार को आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कहा, 'भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी आकर बस जाए।' यह बयान न केवल देश की सीमाओं को सुरक्षित करने पर जोर देता है, बल्कि अवैध घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार के कड़े रुख को भी उजागर करता है। विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया है। तो सवाल है कि क्या यह विधेयक भारत को एक नई दिशा देगा, या यह विपक्ष के लिए एक नया विवाद बनकर उभरेगा?
आप्रवासन विधेयक पास; अमित शाह क्यों बोले- 'भारत कोई धर्मशाला नहीं'?
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- 27 Mar, 2025
संसद में आप्रवासन विधेयक पारित होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'भारत कोई धर्मशाला नहीं है।' इस बयान ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। जानिए, इस विधेयक के प्रावधान और इसके राजनीतिक प्रभाव।

आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025 पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने साफ़ कहा कि भारत उन लोगों का स्वागत करता है जो व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य या निवेश के लिए आते हैं, लेकिन जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बनते हैं, उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, 'यह देश कोई धर्मशाला नहीं है। हम हर उस व्यक्ति का स्वागत करते हैं जो भारत के विकास में योगदान दे, लेकिन रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, अगर वे अशांति फैलाने आते हैं, तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।'