भारतीय विदेश मंत्रालय ने कराची में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ पर पाकिस्तान से अपना विरोध जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिन्दम चौधरीने कहा कि भारत ने पड़ोसी देश से हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए भी कहा है।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कराची में बुधवार को एक हिंदू मंदिर पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। घटना देश के बंदरगाह शहर के कोरंगी नंबर 5 इलाके की है। श्रीमारी माता मंदिर, जिसमें हिंदू पुजारी का निवास भी है, पर हमला किया गया, जिससे हिंदू समुदाय में भय पैदा हो गया।
हिंसक भीड़ ने पुजारी के घर पर हमला किया और मूर्तियों में तोड़फोड़ की। मंदिर पर पुलिस तैनात कर दी गई है। पाकिस्तान पुलिस ने आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
पुजारी कुछ दिन पहले ही इन मूर्तियों को निर्माणाधीन मंदिर में स्थापित करने के लिए लाया था।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने एक स्थानीय हिंदू निवासी के हवाले से कहा, हम नहीं जानते कि किसने और क्यों हमला किया है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मोटरसाइकिल पर सवार छह से आठ लोगों ने परिसर पर हमला किया। कोरंगी एसएचओ फारूक संजरानी ने कहा, पांच से छह अज्ञात संदिग्ध मंदिर में घुस गए और तोड़फोड़ कर फरार हो गए। पुलिस ने कहा कि वे सबूत इकट्ठा कर रहे हैं कि उन्होंने इलाके को घेर लिया और समुदाय को सुरक्षा प्रदान की। पुलिस ने कहा कि वे सबूत इकट्ठा कर रहे हैं कि उन्होंने इलाके को घेर लिया और समुदाय को सुरक्षा प्रदान की।
भारत में पैगंबर पर बीजेपी नेताओं की गलत टिप्पणी की वजह से विदेश में भारत विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। पाकिस्तान में भी भारत विरोधी प्रदर्शन हुए, जिसमें पैगंबर की तौहीन करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। समझा जाता है कि कराची में हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ की घटना भारत में पैगंबर की तौहीन से जुड़ी हुई है। पड़ोस के बांग्लादेश में भी बुधवार को मुसलमानों ने भारत विरोधी प्रदर्शन किया था।
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