राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए ने बुधवार को देश में आत्मघाती हमले की तैयारियों की साज़िश को नाकाम करने का दावा करते हुए 6 जगहों पर छापामारी करके 10 लोगों को गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तार किए गए संदिग्धों के परिवार वालों ने एनआईए के तमाम दावों को झूठा करार दिया है। उनका दावा है कि 8 घंटे की तलाशी के बावजूद एनआईए को उनके घर से कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। परिवार वालों का कहना है कि तलाशी के बाद ख़ुद एनआईए के अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि उनके यहाँ से कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि एनआईए ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इतने बड़े पैमाने पर हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी कहाँ से दिखाई है।
ग्राउंड रिपोर्ट: एनआईए के खुलासे पर संदेह क्यों?
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- 28 Dec, 2018
एनआईए ने एक साज़िश को नाकाम करने का दावा करते हुए 10 लोगों को गिरफ़्तार किया था। लेकिन संदिग्धों के परिवार वालों ने एनआईए के तमाम दावों को झूठा करार दिया है। क्यों पढ़िए पूरी पड़ताल।

एनआईए के दावे
जहाँ संदिग्धों के परिवार वाले उन्हें पूरी तरह बेकसूर बता रहे हैं वहीं एनआईए का दावा है कि गिरफ़्तार करके जेल भेजे गए सभी नौजवान आईएसआईएस के लिए काम करने वाले अबू हुज़ैफ़ा के संपर्क में थे। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक़, अबू हुज़ैफ़ा सोशल मीडिया पर भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलिम नौजवानों से संपर्क करके उन्हें पहले उनका ब्रेनवाश करता है और धीरे-धीरे उन्हें आईएसआईएस में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक़ अबू हुज़ैफ़ा पाकिस्तानी है और पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम करता है। आईएसआईएस में भर्ती करने का काम करता है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक़ यह गिरफ़्तार किए गए सभी संदिग्ध वॉट्सएप और टेलीग्राम एप के ज़रिये अबू हुज़ैफ़ा के संपर्क में थे।