गाय के नाम पर राजनीति करने वाली बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एक अनूठी परीक्षा का आयोजन करने जा रही है। लोगों को गायों के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार ने अगले महीने देश भर में ऑनलाइन परीक्षा कराने का एलान किया है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि इस परीक्षा का नाम कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा रखा गया है और यह 25 फ़रवरी को कराई जाएगी। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ही इस परीक्षा को कराएगा।
परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक लोग 14 जनवरी से 20 फरवरी तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे और 25 फरवरी को इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे। यह परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी और 12 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित होगी।
कथीरिया ने कहा, ‘गाय विज्ञान से भरपूर है। हमारे पास 19.42 करोड़ गोवंश हैं, जो हमारे देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।’ उन्होंने इसे 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से भी जोड़ा।
उन्होंने कहा, ‘गाय अगर दूध नहीं भी देती है तो भी इसका मूत्र और गोबर काम का है। अगर हम इनका इस्तेमाल करें तो गायों को बचाया जा सकेगा और देश की अर्थव्यवस्था भी रास्ते पर आ जाएगी।’
कथीरिया ने बताया कि परीक्षा के लिए चार कैटेगरी बनाई गई हैं। प्राइमरी कैटेगरी में कक्षा 8 तक के छात्र-छात्राएं, दूसरी कैटेगरी में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राएं, तीसरी कैटेगरी कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं के लिए और चौथी कैटेगरी में बाक़ी लोग भाग ले सकते हैं। कथीरिया ने कहा कि चौथी कैटेगरी में भारत से बाहर के लोग भी शामिल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा एक घंटे की होगी और इस एग्जाम को मोबाइल फ़ोन और कंप्यूटर पर लिया जाएगा।
कथीरिया ने पिछले साल गाय के गोबर से एक चिप भी बनाई थी और दावा किया था कि इससे मोबाइल फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के 800 मरीजों का इलाज पंचगव्य यानी गाय के गोबर, गाय के मूत्र, दूध, घी और आयुर्वेद की चीजों से किया गया है।
अपनी राय बतायें