कोरोना वायरस में जकड़े इस देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है, लेकिन इसी बीच सरकार ने अब कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था मज़बूत करने की योजना पेश की है। यह योजना पाँच साल में पूरी होगी।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार ने गुरुवार को विशेष पैकेज की घोषणा की है। इसने कहा है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 15000 करोड़ रुपये की योजना लागू की जाएगी। इसमें पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा पैसा लगाया जाएगा। इसको सरकार ने कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ प्रिपेयर्डनेस पैकेज दिया है। इसको पाँच साल में तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी एक बयान में यह कहा गया है।
इस योजना के तहत फंड का इस्तेमाल कोविड-19 के लिए समर्पित हॉस्पिटल, आईसीयू, ऑक्सीज़न सप्लाई और मेडिकल सेंटर के लिए किया जाएगा। कुल फंड में से 7, 774 करोड़ रुपये का उपयोग कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पांस के लिए किया जाएगा और बाक़ी को मध्यम अवधि यानी 1-4 वर्ष के लिए मिशन मोड के तहत किया जाएगा।
पहले चरण यानी इसी साल जून तक की जो योजना है उसमें हॉस्पिटल और सरकारी एंबुलेंसों का डिसइन्फ़ेक्शन करने, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए ग्लव्स, कवरॉल जैसे पहनने वाले सूट यानी पीपीई किट और एन95 मास्क खरीदने की योजना भी शामिल है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बयान के अनुसार, 'इमरजेंसी कोविड-19 रिस्पांस का उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करना है ताकि इसकी रोकथाम के लिए तैयारियाँ की जाएँ, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, खाने के सामान और दवाओं की खरीद की जा सके। इसके साथ ही निगरानी गतिविधियों को मज़बूत किया जा सके, प्रयोगशालाएँ स्थापित की जा सकें और बायो-सिक्योरिटी की तैयारियाँ की जा सकें।'
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