केंद्र सरकार ने अब आधिकारिक तौर पर यह मान लिया है कि रफ़ाल सौदे की निगरानी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफ़नामे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि नरेंद्र मोदी स्वयं रफ़ाल सौदे की ‘मॉनीटरिंग’ कर रहे थे, पर यह ‘समानान्तर बातचीत’ या ‘हस्तक्षेप’ नहीं था।