तत्कालीन डीआरडीओ प्रमुख ने कहा था कि एंटी सैटेलाइट सिस्टम को लेकर जो तैयारियाँ होनी चाहिए, वे पूरी हैं। सारस्वत ने कहा था कि भारत के एंटी सैटेलाइट सिस्टम को ‘फ़ाइन ट्यून’ किए जाने की ज़रूरत है लेकिन वह इसके लिए टेस्ट का रास्ता नहीं चुनना चाहते क्योंकि टेस्ट में तबाह हुई सैटेलाइट के टुकड़ों से दूसरे सैटेलाइट्स को ख़तरा पैदा हो सकता है।
Former DRDO Chief Dr VK Saraswat on #MissionShakti: We made presentations to National Security Adviser&National Security Council, when such discussions were held, they were heard by all concerned, unfortunately, we didn't get positive response (from UPA), so we didn't go ahead. pic.twitter.com/qJDMtc3Kf2
— ANI (@ANI) March 27, 2019
सारस्वत ने यह भी कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने साहस दिखाते हुए इसके लिए अनुमति दी थी और उसके बाद ही इस प्रस्ताव पर आगे काम शुरू हो सका था।
सारस्वत के मुताबिक़, जब डॉ. सतीश रेड्डी और एनएसए अजीत डोवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने यह प्रस्ताव रखा था तो उन्होंने इस मिशन को पूरा करने की हिम्मत दिखाई। सारस्वत ने यह भी कहा कि अगर साल 2012-13 में ही हमें इस बारे में अनुमति मिल जाती तो वह पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि यह 2014-15 में ही लाँच हो जाता।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के इस बारे में राष्ट्र को संदेश देने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने उन पर तीख़ा तंज कसा था। राहुल गाँधी ने सवाल पूछते हुए कहा था कि संबोधन के दौरान क्या आपने प्रधानमंत्री का चेहरा देखा। राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री को पता चल गया है कि कांग्रेस अब लोगों को ‘न्याय’ देने जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ने कहा था कि प्रधानमंत्री इस बात से डरे हुए हैं कि उनका समय जा चुका है। इससे पहले राहुल ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए उन्हें विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाएँ दीं थीं। राहुल ने साथ ही डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से कहा था कि हमें आप पर गर्व है।
इसके बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती, एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर वैज्ञानिकों की आड़ में राजनीति करने का आरोप लगाया था।
बता दें कि भारत ने अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए लो अर्थ ऑर्बिट में एक सैटेलाइट को मार गिराया है। अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट को निशाना बनाकर उसे ध्वस्त करने की क्षमता रखने वाला भारत चौथा देश बन गया है। इस अभियान को 'मिशन शक्ति' नाम दिया गया था। अब भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिसके पास एंटी-सैटेलाइट हथियार है।
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