loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

हार

त्योहारों के बाद महीने भर में हो सकते हैं कोरोना के 26 लाख मामले!

दुर्गापूजा की तैयारियाँ हो चुकी हैं और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में उत्सव भी शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं कई पूजा पंडालों का उद्घाटन किया है। लेकिन कोरोना से लड़ने वालों के लिए यह चिंता की बात है। आशंका जताई जा रही है कि त्योहारों की वजह से कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है।
एनडीटीवी के अनुसार, सरकार की ओर से नियुक्त समिति ने कहा है कि त्योहारों की वजह से कोरोना के मामलों में ज़बरदस्त उछाल आ सकता है और एक महीने में 26 लाख तक नए मामले आ सकते हैं। 
ख़ास ख़बरें

त्योहार बाद बदतर हो सकती है स्थिति

समिति ने कहा है कि तमाम कोशिशों के बावजूद सिर्फ 30 प्रतिशत लोगों में रोग-प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो सकी है। कमिटी ने कहा है कि यदि एहतियात के सारे उपाय अपनाए गए तो अगले साल के शुरुआती दिनों तक इस महामारी पर पूरी तरह नियंत्रण किया जा सकता है। लेकिन यदि त्योहार के कारण रोकथाम उपायों में छूट दी गई और लापरवाही बरती गई तो स्थिति नियंत्रण से बाहर चली जाएगी और संक्रमण तेजी से बढ़ेगा। 
सरकारी कमिटी ने अनुमान लगाया है कि महामारी ख़त्म होते-होते कोरोना से संक्रमित लोगों की कुल तादाद 1.05 करोड़ हो जाएगी। अब तक लगभग 75 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।

लॉकडाउन नहीं होता तो क्या होता

एनडीटीवी के अनुसार, कमिटी ने यह भी आकलन किया है कि यदि लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो कोरोना से मरने वालों की संख्या 25 लाख हो सकती थी। अब तक 1.14 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
कमिटी ने केरल के मुख्य उत्सव ओणम के बाद वहाँ कोरोना मामलों में हुई यकायक बढ़ोतरी के हवाले से आशंका जताई है कि उत्तर भारत में आने वाले त्योहार यानी दुर्गापूजा- दीवाली के बाद भी संक्रमण बढ़ सकता है।
अनुमान है कि ओणम के बाद संक्रमण 32 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन उसके बाद इलाज वगैरह करने से इसमें 22 प्रतिशत की कमी आई। केरल में 22 अगस्त से 2 सितंबर तक ओणम मनाया गया था और 8 सितंबर के बाद से कोरोना मामले यकायक बढ़ने लगे। 

यूरोप में दूसरी लहर

यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब यूरोप एक बार फिर कोरोना की चपेट में है। वहां कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो गई है। फ्रांस में आपात स्थिति घोषित की गई है। इंग्लैंड में फिर से लॉकडाउन करने की माँग हो रही है। स्पेन के कुछ हिस्सों में बार और रेस्तराँ फिर से 15 दिन के लिए बंद किए जाएँगे।
संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका की ख़बर के फैलते ही यूरोप के शेयर बाज़ार बुरी तरह लुढ़के। उनके सूचकांकों में एक दिन में 1.4 फ़ीसदी से लेकर 2.5 फ़ीसदी तक गिरावट देखी गई। यानी बाज़ार भी नकारात्मक संकेत दे रहे हैं। 

भारत में भी दूसरी लहर

भारत में भी यह आशंका जताई जा रही है कि पहली लहर ख़त्म हो चुकी है और अब दूसरी लहर आने वाली है। देश में 16 सितंबर को क़रीब 98 हज़ार कोरोना संक्रमण के मामले आए थे, लेकिन क़रीब एक महीने में 13 अक्टूबर को संक्रमितों की संख्या क़रीब 55 हज़ार ही रही है। पिछले एक महीने में हर रोज़ आने वाले कोरोना संक्रमण के मामले औसत रूप से कम होते जा रहे हैं और यह संख्या आधे के आसपास पहुँच गयी है।

सवाल यह है कि क्या कोरोना संक्रमण ढलान पर है और इस वजह से निश्चिंत हुआ जा सकता है? कहीं ऐसा तो नहीं कि संक्रमण का दूसरा चरण आए और वह पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से फैले?
दूसरी ओर, कोरोना टीका के जल्द बन कर तैयार होने की जो उम्मीद जगी थी, उसे भी झटका लगा है। एस्ट्राजेनेका के टीके का परीक्षण रोक दिया गया है। स्वास्थ्य समाचार वेबसाइट 'स्टेटस न्यूज़' की रिपोर्ट के अनुसार जिन व्यक्तियों पर इस टीके का अध्ययन किया जा रहा था उनमें से एक प्रतिभागी में एक संदिग्ध गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया देखने को मिली। इसके बाद इस कोरोना टीके के आख़िरी चरण के परीक्षण को रोक दिया गया। 
इन तमाम ख़बरों के बीच यह आशंका कि त्योहारों के बाद संक्रमण एक बार फिर बढ़ सकता है, वाकई डराने वाली है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें