कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के कई बॉर्डर्स पर आंदोलन कर रहे किसानों ने एलान किया है कि वे 18 फरवरी को 4 घंटे तक देश भर में रेल रोकेंगे। इसका वक़्त दिन में 12 से 4 बजे तक निर्धारित किया गया है।
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने फरवरी के महीने भर में होने वाले प्रदर्शनों के बारे में बुधवार रात को जानकारी दी। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि 12 फरवरी को राजस्थान में सभी टोल को फ्री कर दिया जाएगा। इससे पहले हरियाणा और पंजाब में किसान कई बार टोल को फ्री कर चुके हैं।
5 फरवरी को किसानों ने चक्का जाम का आह्वान किया था और यह शांतिपूर्ण रहा था। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा का सहारा लिया, उसके बाद किसान संगठन बेहद सतर्कता बरत रहे हैं।
चक्का जाम वाले दिन पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे थे और यहां जाम का ख़ासा असर देखने को मिला था। इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में भी किसानों ने प्रदर्शन किया था।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों की याद में देश भर में कैंडल लाइट और टॉर्च जलाकर मार्च निकाला जाएगा। फरवरी, 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में 40 से ज़्यादा भारतीय जवान शहीद हो गए थे। 16 फ़रवरी को सर छोटू राम की जयंती के मौक़े पर भी किसान सरकार को अपनी एकजुटता दिखाएंगे।
किसान महापंचायतों का दौर जारी
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ उत्तर भारत के कुछ राज्यों में हो रही किसान महापंचायतों को लेकर माहौल खासा गर्म है। 26 जनवरी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा, राजस्थान और उत्तरांखड में हुई महापंचायतों में जितनी बड़ी संख्या में लोग उमड़े हैं, उससे पता चलता है कि यह आंदोलन कई राज्यों में फैल चुका है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हलचल
किसान महापंचायतों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जबरदस्त हलचल है। मुज़फ्फरनगर से लेकर बाग़पत और मथुरा से लेकर बिजनौर और शामली में तक हुई महापंचायतों में बड़ी संख्या में किसान उमड़े हैं। आरएलडी भारतीय किसान यूनियन के साथ मिलकर भी किसान महापंचायतों का आयोजन कर रही है और अब कांग्रेस भी मैदान में उतर आई है।
कांग्रेस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ‘जय जवान जय किसान’ अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 10 दिन तक 27 जिलों में चलेगा और इसमें पार्टी के कई बड़े नेता शामिल होंगे। अभियान की शुरुआत बुधवार को सहारनपुर पहुंचीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने की।
‘हम वापस लेंगे क़ानून’
प्रियंका ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 56 इंच की छाती के अंदर एक छोटा सा दिल है जो केवल कुछ उद्योगपतियों के लिये धड़कता है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार आएगी ये सभी क़ानून वापस होंगे और आपको समर्थन मूल्य का पूरा दाम मिलेगा। उन्होंने किसानों से कहा, “ये आपकी ज़मीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटिये। हम आपके साथ खड़े हैं, जब तक ये क़ानून वापस नहीं होते तब तक डटे रहिये।”
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