किसानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को एक बार फिर हुंकार भरी और सरकार से कहा है कि वह कृषि क़ानूनों को तुरंत रद्द करे। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल की ओर से 24 दिसंबर को किसानों को पत्र भेजा गया था और आंदोलनकारी किसानों से अगले दौर की बातचीत के लिए तारीख़ और वक़्त तय करने का अनुरोध किया था।
किसान नेता मोदी सरकार से फिर बोले- रद्द करो कृषि क़ानून
- देश
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- 26 Dec, 2020
हाड़ कंपाती ठंड के बीच नौजवानों के साथ ही हजारों बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं दिल्ली के बॉर्डर्स पर डटे हुए हैं।

अग्रवाल के पत्र का जवाब देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा, ‘हम हर दौर की बातचीत में सरकार से लगातार मांग करते रहे हैं कि वह इन कृषि क़ानूनों को वापस ले। जबकि सरकार इसे इस तरह पेश कर रही है कि जैसे हम इन क़ानूनों में संशोधन की मांग कर रहे हैं।’ किसान नेताओं ने अगले दौर की बातचीत के लिए 29 दिसंबर को 11 बजे का वक़्त सुझाया है। इससे पहले कई दौर की बातचीत बेनतीजा हो चुकी है।
किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन शुरू होने के बाद से अभी तक 40 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकतर की मौत का कारण ठंड है।