बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल में सबसे पहले अपने ही प्री-पोल सर्वे को झुठलाया था। तीन दिन भी नहीं बीते थे कि 10 नवंबर को ये सारे एग्जिट पोल एक साथ धराशायी हो गये। एग्जिट पोल का ग़लत होना अधिक आश्चर्यजनक है क्योंकि इसे आम तौर पर सटीक माना जाता रहा है। बिहार में लगातार यह दूसरा चुनाव है जब एग्जिट पोल ग़लत साबित हुए हैं। इससे एग्जिट पोल की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं।
बिहार: आख़िर क्यों फेल हो गए एग्जिट पोल?
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- 23 Nov, 2020

पहले भी एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों से अलग रहे हैं और इसकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठे हैं।
पहले भी एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों से अलग रहे हैं और इसकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठे हैं। ऐसे 5 मामलों पर गौर करें-
- 2019 के एग्जिट पोल में हरियाणा में बीजेपी के पूर्ण बहुमत की भविष्यवाणी ग़लत साबित हुई थी। कांग्रेस की करारी हार का अनुमान भी ग़लत साबित हुआ था। 90 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को गठबंधन की सरकार बनानी पड़ी थी जबकि कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थीं।
- 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला बताया गया था लेकिन लेकिन कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला।
- 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने बताया था कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है। जब नतीजे सामने आए तो आम आदमी पार्टी कहीं सीन में नहीं थी। कांग्रेस की सरकार बन गयी।
- 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी के लिए बहुमत की भविष्यवाणी तो की थी लेकिन 70 सीटों में से 67 सीटें पार्टी जीत जाएगी, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था।
- 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल में एनडीए की जीत की बात कही गयी थी लेकिन महागठबंधन ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर इसे झुठला दिया था।