अर्णब गोस्वामी 4 नवंबर के बाद से जेल में हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो वह शुक्रवार यानी 13 नवंबर या उससे पहले जेल से बाहर आ सकते हैं। धनतेरस न सही दिवाली घर और दफ्तर में मना सकते हैं। मगर, अर्णब गोस्वामी की रिहाई पहले भी संभव हो सकती थी। धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे मामले में सेशन कोर्ट से ज़मानत मिल सकती थी। मुंबई हाई कोर्ट ने अंतरिम ज़मानत की याचिका खारिज करते हुए अर्णब गोस्वामी को सेशन कोर्ट में जाने को कहा और यह साफ़ कर दिया कि परंपरा तोड़कर उन्हें नहीं सुना जा सकता।
क्या अर्णब गोस्वामी का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है?
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- 10 Nov, 2020

आख़िर मुंबई हाईकोर्ट से ऐसी अपेक्षा क्यों की गयी कि वह परंपरा तोड़कर अर्णब गोस्वामी को ज़मानत दे देगी? जो रास्ता आसान था, वह क्यों नहीं चुना गया?
आख़िर मुंबई हाई कोर्ट से ऐसी अपेक्षा क्यों की गयी कि वह परंपरा तोड़कर अर्णब गोस्वामी को ज़मानत दे देगी? जो रास्ता आसान था, वह क्यों नहीं चुना गया?