मोदी सरकार 2019 के चुनाव से पहले आरबीआई के जमा पैसे के पीछे पड़ी थी। इस पर एक के बाद एक धमाके होते जा रहे हैं। पहला धमाका 2018 में तब हुआ था जब उर्जित पटेल ने इस्तीफ़ा दिया था। फिर डेप्युटी गवर्नर रहे विरल आचार्य ने धमाका किया। और अब पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने धमाका किया है। गर्ग ने कहा है कि 14 सितंबर, 2018 को बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल पर अपना आपा खो दिया था और उनकी तुलना 'पैसे के ढेर पर बैठने वाले सांप' से कर दी थी।
पीएम मोदी ने उर्जित की तुलना 'पैसे के ढेर पर बैठे सांप' से की: पूर्व वित्त सचिव
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- 25 Sep, 2023
उर्जित पटेल ने आरबीआई गवर्नर के पद से इस्तीफा क्यों दिया था? मोदी सरकार ने आरबीआई से अतिरिक्त रुपये उगाहने के लिए आख़िर किस हद तक दबाव डाला था? जानिए, पूर्व वित्त सचिव ने किताब में क्या लिखा है।

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यह दावा अपनी पुस्तक 'वी आल्सो मेक पॉलिसी' में किया है। हार्पर कॉलिन्स द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक अक्टूबर में रिलीज़ होने वाली है। गर्ग ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि पटेल और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा सहित अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ लगभग दो घंटे तक प्रजेंटेशन और चर्चाओं को सुनने के बाद प्रधानमंत्री को कोई समाधान नहीं निकलता दिखा। गर्ग लिखते हैं कि उसी दौरान पीएम ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा है कि उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री मोदी को उतने ग़ुस्से में देखा था। उस बैठक में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल, तत्कालीन अतिरिक्त प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा, तत्कालीन डीएफएस सचिव राजीव कुमार, गर्ग और आरबीआई के तत्कालीन दो डिप्टी गवर्नर, विरल आचार्य और एन.एस. विश्वनाथन भी शामिल थे।