चुनावी बांड के सबसे बड़े खरीदारों में निर्माण क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल हैं। कम से कम 11 कंपनियों ने 506 करोड़ रुपये से अधिक के बांड खरीदे हैं। सारे बांड केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद खरीदे गए। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि छोटी से मझोली निर्माण कंपनियों ने या उनसे जुड़ी कंपनियों ने भी जमकर चुनावी बांड खरीदे।
कंस्ट्रक्शन कंपनी चेन्नई ग्रीन वुड्स ने जनवरी 2022 में 40 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। इससे पहले इनकमटैक्स विभाग ने जुलाई 2021 में रैमकी ग्रुप के ठिकानों की तलाशी ली थी। इस केंद्रीय एजेंसी ने रैमकी ग्रुप के बेहिसाब लेनदेन से जुड़े कथित आपत्तिजनक दस्तावेज़ भी जब्त किए थे। चेन्नई ग्रीन वुड्स दरअसल रैमकी ग्रुप की ही कंपनी है, जिसके मुखिया सांसद रेड्डी हैं।
इसी तरह से आरपी-संजीव गोयनका समूह की कंपनी धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने जुलाई 2021 और अक्टूबर 2023 के बीच, 115 करोड़ रुपये के बांड खरीदे, जिनमें से 95 करोड़ रुपये के अक्टूबर 2022 में खरीदे गए थे। 2022 में सीबीआई ने कथित अनियमितताओं को लेकर सीईएससी लिमिटेड (आरपी-एसजी समूह की एक सहायक कंपनी, जिसमें धारीवाल एक सहायक कंपनी है) सहित कई संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसी तरह हल्दिया एनर्जी जो आरपीएसजी की कंपनी है, 2019 से बांड खरीद रही थी। इस कंपनी ने 2024 तक 377 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे। सीबीआई इस समूह की कंपनियों में वित्तीय लेन-देन की एफआईआर दर्ज की थी।
अगस्त 2023 में जब कंपनी ने बांड खरीदे थे, उसी समय आयकर विभाग ने कथित टैक्स चोरी को लेकर मुंबई स्थित कल्पतरु बिल्डर्स से जुड़े विभिन्न परिसरों की तलाशी ली थी। कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड सहित कल्पतरु ग्रुप ऑफ कंपनीज के तहत विभिन्न कंपनियां कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए विभाग की जांच के दायरे में हैं।
तेलंगाना की माय होम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने जुलाई और नवंबर 2023 के बीच 24.5 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। इसी की दो सहायक कंपनियों टेलपुर टेक्नोसिटी ने 20 करोड़ रुपये और एक्वा स्पेस डेवलपर्स ने 15 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। जुलाई 2023 तक इस ग्रुप ने कुल 60 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे। 2019 में इस ग्रुप पर आयकर विभाग के छापे पड़े थे। उस समय कर्नाटक और कुछ महीने बाद पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले थे। यह नहीं कहा जा सकता कि ये बांड किस राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने के लिए खरीदे गए। आदित्य बिड़ला ग्रुप की प्रमुख सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट ने 35 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे। इनकी खरीदारी अक्टूबर 2019 से लेकर 2020, 2022 और नवंबर 2023 तक की गई। इस कंपनी पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने छापे मारे थे। इस कंपनी को सीजीएसटी के नोटिस भी भेजे गए थे। बाद में इसी कंपनी की रश्मि सीमेंट और अन्य फर्मों ने करोड़ों के चुनावी बांड खरीदे।
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