चुनावी बांड के सबसे बड़े खरीदारों में निर्माण क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल हैं। कम से कम 11 कंपनियों ने 506 करोड़ रुपये से अधिक के बांड खरीदे हैं। सारे बांड केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद खरीदे गए। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि छोटी से मझोली निर्माण कंपनियों ने या उनसे जुड़ी कंपनियों ने भी जमकर चुनावी बांड खरीदे।
चुनावी बांड कथाः ईडी छापों के डर से 11 इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्मो ने दिया चंदा
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- 29 Mar, 2025
चुनावी बांड की कहानियां खत्म नहीं हो रही है। बांड खरीदने वालों में वाईएसआरसीपी सांसद अयोध्या रामी रेड्डी भी हैं। जिनकी फर्मों को भी ईडी और इनकमटैक्स छापों का डर था। उनकी कंपनियों ने 111 करोड़ के चुनावी बांड खरीद डाले। जानिए पूरी कहानीः
